Hospital Administration: इंदौर, नईदुनिया प्रतिनिधि। कोरोनाकाल में किसी भी संस्थान के लिए अस्पताल प्रबंधन एक बड़ी चुनौती रहा। सरकारी से लेकर निजी अस्पताल व स्वास्थ्य विभाग में डाक्टरों ने कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां संभालना पड़ी। इसके बाद चिकित्सा क्षेत्र में निरंतर रोजगार के अवसर बढ़ने लगे है। अब प्रत्येक संस्थान को अस्पताल प्रशासक की जरूरत महसूस होने लगी है।
यही वजह है कि एमबीए हास्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन पाठ्यक्रम की तरफ उम्मीदवारों का रुझान दिखने लगा है। देवी अहिल्या विश्वविद्यालय से दो वर्षीय और पांच वर्षीय एमबीए हास्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन पाठ्यक्रम संचालित किया जा रहा है। दोनों पाठ्यक्रम की अलग-अलग पात्रता रखी गई है।
यह बात देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के प्रबंधन संस्थान में एमबीए हास्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन पाठ्यक्रम समन्वयक डा. निशिकांत वाईकर ने कहीं। हेलो नईदुनिया कार्यक्रम के माध्यम से उन्होंने अस्पताल प्रशासन क्षेत्र में कार्य करने को लेकर मार्गदर्शन किया। वे कहते है कि मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग (एमपी पीएससी) के माध्यम से प्रदेशभर में 1456 चिकित्सा अधिकारी की भर्ती चल रही है। इसके बाद एमबीए हास्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन की डिमांड बढ़ गई है। दो वर्षीय पाठ्यक्रम में प्रवेश को लेकर विश्वविद्यालय ने नियम बनाए है।
नान सीईटी के माध्यम से प्रवेश प्रक्रिया रखी है जिसमें एमबीबीएस, बीडीएस, नर्सिंग, बीएएमएस, बीएचएमएस पाठ्यक्रम करने वालों को प्राथमिकता दी है। कुछ सीटें पाठ्यक्रम में रिक्त है। उनमें आवेदन 25 जुलाई तक मांगे है। 30 जुलाई को विश्वविद्यालय ने काउंसिलिंग रखी है। वे बताते है कि पांच वर्षीय एमबीए हास्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन में कामन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (सीयूईटी) के माध्यम से प्रवेश रखा है, जिसमें 12वीं बायोलाजी वाले विद्यार्थी को प्राथमिकता है।
उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के आइएमएस से एमबीए पब्लिक हेल्थ मैनेजमेंट पाठ्यक्रम पहली बार शुरू किया जा रहा है। 60 सीटों पर एमबीबीए, बीडीएस और नर्सिंग कर चुके विद्यार्थियों को प्रवेश दिया जाएगा। पाठ्यक्रम की रिक्त सीटों के लिए 30 जुलाई को काउंसिलिंग रखी है।
सवाल- एमएससी बायोटेक्नोलाजी पाठ्यक्रम की पढ़ाई पूरी की है। क्या मुझे एमबीए हास्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन में प्रवेश मिल सकता है?- मुस्कान वर्मा
जवाब- इस पाठ्यक्रम में प्रवेश को लेकर कुछ पात्रता नियम बनाए है। उसके आधार पर एमएससी बायोटेक्नोलाजी करने वाले विद्यार्थियों को पात्र नहीं माना है। वैसे नियमों में संशोधन के संबंध में विचार किया जा रहा है।
सवाल- एमबीए हास्टिपल एडमिनिस्ट्रेशन और एमबीए पब्लिक हेल्थ केयर मैनेजमेंट में क्या अंतर है? कौन-से पाठ्यक्रम की पढ़ाई कर करियर बनाया जा सकता है?- राजकुमार सैनी
जवाब- दोनों पाठ्यक्रम एक-दूसरे से काफी अलग है। एमबीए हास्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन में अस्पताल प्रबंधन से जुड़े विषयों के बारे में बताया जाता है। जबकि एमबीए पब्लिक हेल्थ केयर मैनेजमेंट में सरकारी चिकित्सा योजनाओं को जनता तक बेहतर ढंग से पहुंचने की जिम्मेदारी रहती है। दोनों पाठ्यक्रम करने के बाद सरकारी क्षेत्र से जुड़े संस्थानों में नौकरियों के अवसर मिलते है।
सवाल- 12वीं पास करने के बाद एमबीए हास्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन विषय की पढ़ाई कर सकते है क्या? - राजेश अग्रवाल
जवाब- विश्वविद्यालय के प्रबंधन अध्ययनशाला से दो तरह से एमबीए हास्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन कोर्स संचालित होता है, जिसमें पांच वर्षीय पाठ्यक्रम 12वीं पास विद्यार्थियों के लिए रखा है। इसमें सिर्फ बायोलाजी करने वालों को प्रवेश दिया जाता है। बाकी किसी भी विषय में 12वीं पास कर चुके छात्र-छात्राएं पाठ्यक्रम में दाखिले के लिए पात्र नहीं है।
सवाल- बेटे ने बीकाम से ग्रेजुएशन पूरा किया है। क्या एमबीए हास्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन में प्रवेश मिल सकता है?- अनिल कवछाले
जवाब- एमबीए हास्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन में मेडिकल कोर्स करने चुके विद्यार्थियों को पात्र माना है, जिसमें बीए-बीएससी-बीकाम वाले विद्यार्थी कोर्स में प्रवेश नहीं कर सकते है। अन्य एमबीए पाठ्यक्रम में इन छात्र-छात्राओं को दाखिला मिल सकता है।
सवाल- एमबीए हास्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन करने के बाद किन पदों पर रोजगार के अवसर मिलते है? हुकुमचंद कटारिया
जवाब- एमबीए हास्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन करने के बाद अस्पताल के विभिन्न पदों पर नौकरियां मिल सकती है, जिसमें मैनेजर, लैब-ब्लड बैंक मैनेजर, आइसीयू इंचार्ज सहित कई महत्वपूर्ण पद शामिल है।