नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर: प्रदेश की इकलौती हेरिटेज ट्रेन चार माह के इंतजार के बाद शुरू हो चुकी है। इस ट्रेन की बुकिंग शुरू होते ही ट्रेन आगामी चार सप्ताह के लिए पूरी तरह से फुल हो गई है। सेकंड क्लास और एसी चयरकार दोनों में ही लंबी वेटिंग चल रही है। रविवार को भी कई लोग वेटिंग टिकट लेकर महू और पातालपानी रेलवे स्टेशन पहुंचे थे, लेकिन उन्हें बैठने तक की जगह नहीं मिली।
बता दें कि प्राकृतिक सौंदर्य से भरे इस सफर के लिए पर्यटकों को वर्षाकाल का इंतजार रहता है। यह ट्रेन पातालपानी से कालाकुंड रेलवे स्टेशन तक चलती है, जिसके बीच में होलकरकालीन ब्रिज, झरने, पहाड़ी, सुरंग, नदी आदि मिलते है, जोकि पर्यटकों को आकर्षित करते है।
इस सीजन में हेरिटेज ट्रेन के संचालन की घोषणा के बाद शुक्रवार से बुकिंग शुरू हुई थी। शनिवार सुबह तक आगामी चार सप्ताह यानी कि 18 अगस्त के लिए ट्रेन पूरी तरह से फुल हो गई है। दरअसल रेलवे ने इस ट्रेन को प्रतिदिन न चलाकर वीकेंड पर ही शनिवार और रविवार को चला रहा है। जिसके चलते बुकिंग खुलते ही ट्रेन फुल हो जाती है।
जबकि गत वर्ष रेलवे ने इस ट्रेन का संचालन सप्ताह में तीन दिन किया था, जिससे वेटिंग काफी कम हो गई थी। वहीं दो विस्टाडोम और तीन सेकंड क्लास के कोच से चल रही इस ट्रेन में अतिरिक्त कोच भी जोड़े गए थे, ताकि वेटिंग को खत्म किया जा सकें। रेल अफसरों ने लगातार बढ़ रही वेटिंग को खत्म करने के लिए जल्द ही अतिरिक्त कोच जोड़े जाएंगे।
हेरिटेज ट्रेन का संचालन 25 दिसंबर 2018 को शुरू हुआ था। कुछ माह में ही इस ट्रेन ने प्रदेश सहित देशभर में अपनी पहचान बना ली थी। कोरोना काल के चलते अप्रैल 2020 में इस ट्रेन का संचालन बंद कर दिया गया था। 4 अगस्त 2021 को ट्रेन में कई बदलाव कर दोबारा संचालन शुरू किया था।
इस दौरान ट्रेन में विस्टाडोम कोच भी लगाए गए है। इस ट्रेन में जुलाई से लेकर दिसंबर तक बड़ी संख्या पर्यटक सफर करते है। इसके बाद पर्यटक कम होना शुरू हो जाते है। गर्मी आते ही रतलाम मंडल द्वारा हेरिटेज ट्रेन का संचालन बंद कर दिया जाता है।
पातालपानी से कालाकुंड तक पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए कई काम भी किए गए थे। ट्रेन को सबसे बड़ा स्टापेज कालाकुंड रेलवे स्टेशन पर है, इसलिए यहां पर गार्डन, सर्किट हाउस जैसे तमाम सुविधाएं भी पर्यटकों के लिए शुरू की गई। इसके साथ ही कालाकुंड में रेल रेस्टोरेंट शुरू करने के लिए मीटरगेज के दो कोच भी खड़ा कर दिया गया।
इसमें रात्रि विश्राम की सुविधा भी दी गई है। जिसमें पर्यटक हेरिटेज ट्रेन से कालाकुंड आकर रात में जंगलों के बीच रूक सकते थे। इसके साथ ही रेस्टोरेंट में खानपान की सुविधा भी रहती। लेकिन छह साल बाद भी रेस्टोरेंट शुरू नहीं हो पाया है।