ड्रायफ्रूट्स बताकर बेची जा रही मूंगफली की कतरन
अफसर तब हक्के-बक्के रह गए, जब उन्हें पता चला कि मिलावटखोर मूंगफली की कतरन को ड्रायफ्रूट्स की कतरन बताकर बेच रहे थे।
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Publish Date: Wed, 04 Nov 2015 04:06:24 AM (IST)
Updated Date: Wed, 04 Nov 2015 10:23:14 AM (IST)

इंदौर। नगर निगम ने त्योहारों के मद्देनजर खाद्य पदार्थों की जांच का काम शुरू कर दिया है। जांच के दौरान निगम स्वास्थ्य समिति प्रभारी राजेंद्र राठौर और अफसर तब हक्के-बक्के रह गए, जब उन्हें पता चला कि मिलावटखोर मूंगफली की कतरन को ड्रायफ्रूट्स की कतरन बताकर बेच रहे थे। वे 80 प्रतिशत मूंगफली दाने की कतरन को 20 प्रतिशत बादाम और पिस्ता की कतरन में मिलाकर धड़ल्ले से बेच रहे थे। सभी सैंपल जांच के लिए प्रयोगशाला भेजे गए, जहां की रिपोर्ट के बाद जिम्मेदारों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
पहली कार्रवाई राजनगर ई-सेक्टर स्थित मकान पर की गई। मौके पर किशन प्रजापत नाम का आदमी मिला, जो 10-12 अलग ब्रांड के पैकेट में उक्त मिलावटी माल पैक कर रहा था। एक भी पैकेट पर निर्माता का नाम-पता अंकित नहीं था। देखने में ये हूबहू ड्रायफ्रूट्स की कतरन जैसे दिख रहे थे।
किशन ने बताया कि वह शर्मा चेंबर के कुछ व्यापारियों को पैकेट बनाकर देता है। मौके पर करीब 10 क्विंटल सामग्री भी थी। निगम ने करीब 250 किलो सामग्री जब्त करते हुए इसके नमूने खाद्य प्रयोगशाला में जांच के लिए भेज दिए। इसके बाद एक टीम को तत्काल सियागंज स्थित शर्मा चेंबर भेजा गया और सैंपलिंग की गई।
सियागंज के पास जवाहर मार्ग स्थित केशव ट्रेडिंग कंपनी से तुलसी सुपर ड्रायफ्रूट्स ब्रांड बादाम कतरन के नमूने भी लिए गए। दूसरी कार्रवाई में 40, श्रीकृष्ण कॉलोनी स्थित अनिल गुप्ता के मकान से एचपीए 888 ब्रांड पिस्ता कतरन और पिस्ता होल के नमूने लिए गए। 475, रामानंद नगर के मुकेश राठौर के यहां से ड्रायफ्रूट्स कतरन जांच के लिए ली गई। एक अन्य कार्रवाई कान्यकुब्ज नगर में की गई और गोल्डी एगमार्क नाम के रवा और हल्दी पावडर के नमूने खाद्य प्रयोगशाला भेजे गए। -नप्र