मुकेश मंगल, नईदुनिया इंदौर। नगरीय सीमा में ट्रैफिक बल की कमी का मुद्दा एक बार फिर सुर्खियों में है। तीन लोगों की मौत के बाद यातायात प्रबंधन की चर्चाएं हो रही हैं। अफसर तो खुलकर भले ही न बोलें, मुख्यालय को इसकी रिपोर्ट भेजी गई है। सबसे बड़ी कमी ट्रैफिक निरीक्षकों की है। शासन ने 53 पद स्वीकृत तो कर दिए पर पोस्टिंग सात निरीक्षकों की है।
यातायात प्रबंधन अभी भी 46 निरीक्षकों की कमी से जूझ रहा है। शिक्षक नगर (एरोड्रम) से बड़ा गणपति (मल्हारगंज) के बीच हुआ ट्रक हादसा पुलिस की गैर मौजूदगी के कारण हुआ था। अफसरों के रिकॉर्ड खंगालने पर पता चला कि जिन पुलिसकर्मियों को चौराहे पर मौजूद रहना था वो धार्मिक गुरु के कार्यक्रम में गए थे।
अफसरों का दावा है कि एक कार्यक्रम की व्यवस्था संभालने के लिए किसी एक चौराहे का बल कम करना ही पड़ता है। कमिश्नोरेट में शासन ने जिन पदों की स्वीकृति दी, उनकी पूर्ति ही नहीं की गई। सूत्रों के अनुसार दिसंबर 2021 में कमिश्नर प्रणाली लागू करने के साथ यातायात प्रबंधन के लिए निरीक्षकों के 53 पद स्वीकृत किए गए थे। इसमें सिर्फ सात की पोस्टिंग हुई।
46 निरीक्षक अभी भी कम है। प्रधान आरक्षक 105 चाहिए। 850 की जरूरत, मगर 679 ही पदस्थ: इसी तरह 19 चालकों की जगह अभी भी खाली है। कुल मिलाकर यातायात प्रबंधन के लिए 850 पुलिसकर्मी व अधिकारियों की आवश्यकता है जिनमें 679 ही पदस्थ हैं। विभाग को 193 लोगों की आज भी जरूरत है। इसी तरह आठ सूबेदार, दो एएसआई, 13 आरक्षकों की भी आवश्यकता है।
इंदौर। एरोड्रम रोड पर राहगीरों को रौंदने वाला ड्राइवर गुलशेर खान बगैर ड्राइविंग लाइसेंस के ट्रक चला रहा था। उसकी लाइसेंस की वैधता 2018 में ही समाप्त हो गई थी। यह राजफाश परिवहन विभाग से मिली रिपोर्ट में हुआ है। पुलिस ने इसके आधार पर ट्रक मालिक साहिल खान को भी आरोपित बनाकर इनामी घोषित करने की तैयारी कर ली है।
डीसीपी जोन-1 कृष्ण लालचंदानी के अनुसार गुलशेर गुमराह कर रहा था। उसने कहा था कि लाइसेंस व ट्रक के दस्तावेज आग में जल गए। पुलिस ने आरटीओ को पत्र लिखकर जानकारी मांगी तो बताया गया कि गुलशेर का 2018 में ही लाइसेंस समाप्त हो चुका है। पुलिस ने साहिल खान को भी सह-अभियुक्त बना दिया। टीआइ तरुण भाटी के अनुसार आरोपित पर इनाम घोषित किया जाएगा। तंजीम नगर (खजराना) निवासी गुलशेर फिलहाल धरमपुरी में रहता है।