Indore Ujjwal Shukla Column: उज्ज्वल शुक्ला, इंदौर, नईदुनिया। मालवा-निमाड़ अंचल में आदिवासियों का पर्व भगोरिया इस बार पूरे उत्साह से मनाए जाने की संभावना है। कोरोना के कारण पिछले दो सालों से इसकी रौनक फीकी थी। आदिवासियों के उत्सव को राजनीतिक दलों ने भी भुनाने की तैयारी कर ली है। पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा को सबसे ज्यादा नुकसान मालवा-निमाड़ की आदिवासी सीटों पर ही हुआ था। इस बार भाजपा का जोर इन्हीं सीटों पर है। अब त्योहार के बहाने भाजपा आदिवासियों को साधने में जुट गई है। भाजपा प्रदेश संगठन ने भगोरिया में भागीदारी करने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सहित भाजपा के कई बड़े नेता भगोरिया मेले में ढोल-मांदल और बांसुरी की तान पर थिरकते नजर आ सकते हैं। संगठन इसकी रूपरेखा तय कर वरिष्ठ नेताओं की ड्यूटी लगाने वाला है। कौन नेता किस जिले में जाएंगे, यह जल्द ही तय हो जाएगा। जयस के बढ़ते प्रभाव से भी भाजपा इन सीटों को लेकर चिंतित है।
मंत्रिमंडल विस्तार के कयास, अंचल से तीन नाम चर्चा में
मप्र में विधानसभा चुनाव होने में अब महज डेढ़ साल का ही समय रह गया है, फिर भी मंत्रिमंडल विस्तार के कयास लगाए जा रहे हैं। कहा जा रहा है कि उप्र चुनाव के बाद प्रदेश में कभी भी मंत्रिमंडल विस्तार किया जा सकता है। इन कयासों को बल मिलने की वजह यह है कि हाल ही में भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा ने अपनी टीम में पांच नए पदाधिकारी बनाए हैं। ये सभी मंत्री पद के दावेदार थे। प्रदेश में कुल 35 मंत्री बनाए जा सकते हैं, जिनमें से मुख्यमंत्री सहित 31 पद भरे हुए हैं। शेष चार पदों के लिए मालवा-निमाड़ अंचल से उज्जैन के विधायक पारस जैन, इंदौर के महेंद्र हार्डिया और मंदसौर के यशपाल सिंह सिसौदिया के नाम चर्चा में हैं। फिलहाल इंदौर शहर का कोई भी विधायक मंत्रिमंडल में नहीं है। ऐसे में पूर्व मंत्री हार्डिया की चर्चा फिर चल पड़ी है।
क्या दिग्गी मिटा पाएंगे कमल नाथ और यादव की दूरियां?
पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ और पूर्व सांसद अरुण यादव के बीच असंतोष की खबरें खंडवा लोकसभा के उपचुनाव के समय से चल रही हैं। कांग्रेस के बड़े नेताओं में तनातनी की खबरों के बीच अब जिला स्तर पर भी गुटबाजी सामने आने लगी है। पिछले दिनों खरगोन जिले के बड़वाह में कांग्रेस के घर चलो, घर घर चलो अभियान से यादव समर्थकों का नदारद रहना चर्चा का विषय बना। इसकी भनक जब कमल नाथ को लगी तो वे डैमेज कंट्रोल के प्रयासों में लग गए। अरुण से मतभेद दूर करने की जिम्मेदारी उन्होंने दिग्विजय सिंह को दी है। इसके पहले कमल नाथ ने दिग्विजय सिंह के साथ अपने गिले-शिकवे दूर किए। अरुण के पिता पूर्व उपमुख्यमंत्री सुभाष यादव से भले ही दिग्विजय के मतभेद रहे हों, पर वो अरुण को पहले से ही पसंद करते थे। विधानसभा चुनाव से पहले कमल नाथ सभी को साधने में जुट गए हैं।
विधायक ने फिर थामा बल्ला
क्षेत्र क्रमांक तीन के विधायक आकाश विजयवर्गीय और बल्ले का कुछ खास ही नाता है। कुछ साल पहले उन्होंने बल्ला उठाया था तो 'शॉट' की गूंज दिल्ली तक पहुंच गई थी। दर्शकों की जगह विपक्ष ने खूब शोर मचाया था। अब फिर विधायक ने बल्ला थाम लिया है। इस बार सड़क नहीं, बाकायदा मैदान सजाया गया है। अपने क्षेत्र के युवाओं को आकर्षित करने के लिए टेनिस गेंद क्रिकेट टूर्नामेंट कराया जा रहा है। इंदौरियों को वैसे भी टेनिस गेंद से क्रिकेट खेलने का शौक ज्यादा है। मैदान में भीड़ भी मैच देखने आ रही है। पिछली बार जो बल्ला चलाया था, वह तो कोई कमाल नहीं दिखा सका। आकाश के पिता कैलाश विजयवर्गीय इंदौर संभागीय क्रिकेट संगठन के सालों से प्रमुख हैं। मगर विधायक महोदय ने कभी वहां की गतिविधियों में रुचि नहीं दिखाई। अब देखना है इस बार विधायक जी का बल्ला क्या कमाल दिखाता है।