Indian Railways: गेज परिवर्तन के लिए महू-सनावद रेल खंड बंद करने की तैयारी
Indian Railways: जल्द जारी होंगे टेंडर, चलती रहेगी हेरिटेज ट्रेन, प्रोजेक्ट में देरी से बढ़ गई लागत। सालों से लंबित इस प्रोजेक्ट में महू से सनावद तक का काम प्रमुख रूप से होना है। इसमें वन विभाग की काफी जमीन है।
By Sameer Deshpande
Edited By: Sameer Deshpande
Publish Date: Wed, 07 Dec 2022 11:04:06 AM (IST)
Updated Date: Wed, 07 Dec 2022 01:39:53 PM (IST)

Indian Railways: नवीन यादव, इंदौर। इंदौर-खंडवा गेज परिवर्तन प्रोजेक्ट के तहत महू-ओंकारेश्वर-सनावद रेलखंड को बंद किया जाएगा। रेलवे इस संबंध में जल्द ही टेंडर जारी करेगा। इसके बाद बलवाड़ा से ओंकारेश्वर के बीच अर्थवर्क शुरू होगा। इस रूट पर अभी एकमात्र डा. आंबेडकर नगर स्टेशन (महू) से ओंकारेश्वर के बीच ट्रेन चल रही है, जो बंद हो जाएगी। वहीं पातालपानी के लिए चल रही हेरिटेज ट्रेन चलती रहेगी।
रेलवे ने इसी साल इस प्रोजेक्ट को विशेष दर्जा दिया है। 2008 में जब रतलाम-इंदौर-महू-सनावद-खंडवा-अकोला ब्राडगेज प्रोजेक्ट मंजूर हुआ था, तब इसकी लागत 1400 करोड़ रुपये थी। अब यह बढ़कर 4000 करोड़ रुपये हो गई है। अब सिर्फ महू-सनावद प्रोजेक्ट में ही 2400 करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च होने का अनुमान है। खंडवा से सनावद तक मीटरगेज लाइन से ब्राडगेज में बदली जा चुकी है। अब बलवाड़ा से ओंकारेश्वर का काम शुरू होगा।
रेलवे विशेषज्ञ नागेश नामजोशी बताते हैं कि बलवाड़ा से ओंकारेश्वर के बीच यह काम होना है। इस सेक्शन में घाट नहीं है। जल्द ही टेंडर हो जाएंगे। मोरटक्का में नया पुल भी बनना है। उम्मीद कर रहे हैं कि शेष हिस्से का काम भी जल्द शुरू हो जाए। गौरतलब है सालों से लंबित इस प्रोजेक्ट में महू से सनावद तक का काम प्रमुख रूप से होना है। इसमें वन विभाग की काफी जमीन है। इसे लाइन बिछाने के लिए अधिगृहित किया जाना है। महू-सनावद गेज परिवर्तन परियोजना के पुराने सर्वेक्षण के आधार पर लाइन बदली जाती तो ट्रेनों को तेज ढलान से होकर गुजरना पड़ता। इसलिए दोबारा सर्वे करवाना पड़ रहा था।
एक कंपनी काम अधूरा छोड़कर चली गई। दूसरी कंपनी काम कर रही है। सर्वे लगभग पूरा हो गया है। रेलवे द्वारा इस रूट पर एकमात्र ट्रेन चलाई जा रही है। श्रावण में एक स्पेशल ट्रेन भी चलाई जाती थी, लेकिन अब लोगों को ओंकारेश्वर सड़क मार्ग से ही जाना होगा।
घाटे में चल रही थी ट्रेन
इंदौर-महू रेल यात्री संघ के संयोजक अनिल ढोली बताते हैं, हम लंबे समय से ओंकारेश्वर से महू के बीच चल रही ट्रेन बंद करने की मांग रहे थे। यह ट्रेन काफी घाटे में चल रही थी। इसके संचालन में लगने वाले डीजल की लागत भी नहीं निकल पा रही थी। यही हाल हेरिटेज ट्रेन का भी है। इस ट्रेन में केवल मानसून सीजन में ही यात्री मिलते हैं।