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नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर। यमराज के यहां से जिंदा लौटने की कथाएं कभी-कभी असल जीवन में भी देखने को मिलते हैं। ऐसा ही एक वाकिया हुआ शहर के राजनगर क्षेत्र में। 70 वर्षीय माखनलाल वेद ब्रेन हेमरेज के चलते पिछले एक सप्ताह से मौत से संघर्ष कर रहे थे। गुरुवार दोपहर अचानक उनका संघर्ष दम तोड़ गया। सांसे रूकी और डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। हताश स्वजन उन्हें घर ले आए।
अंतिम संस्कार की तैयारियां शुरू कर रिश्तेदारों को सूचना भी दे दी। थोड़ी ही देर में रिश्तेदारों का जमावड़ा हो गया। स्वजन ने उन्हें अर्थी पर लेटाने की तैयारी कर भी ली थी कि इस बीच अचानक माखनलाल की सांसे तेज गति से चलने लगीं। घर वालों को पहले तो लगा कि यह उनका भ्रम है, लेकिन फिर उन्होंने देखा कि माखनलाल सामान्य तरीके से सांसें ले रहे हैं।
शरीर में हलचल भी नजर आने लगी। घर वाले दौड़े और डॉक्टर को बुला लाए। जांच हुई तो पता चला कि माखनलाल जीवित हैं। स्वजन ने बताया कि अभी उन्हें घर पर ही रखा गया है। डॉक्टर ने कहा है कि कई बार ऐसा हो जाता है। अस्पताल में भी वह वेंटीलेटर पर ही थे।
डाक्टरों द्वारा मृत घोषित करने के बाद इंटरनेट पर संदेश भेजा गया कि राजनगर से साढ़े चार बजे शव यात्रा पंचकुईया मुक्तिधाम लेकर जाएंगे। लेकिन जैसे ही उनका दिल धकड़ना शुरू हुआ। संदेश भेजा कि माखनलाल वेद अब बाबा महाकाल की कृपा से स्वस्थ है और पुन: उनकी सांसे आ गई है। शव यात्र रद्द की जाती है।