नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर। वर्तमान में तापमान में उतार-चढ़ाव के कारण मच्छरों की संख्या बढ़ने लगी है। इस कारण डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया जैसी बीमारियों की आशंका बनी रहती है। एडीज मच्छर से डेंगू, चिकनगुनिया और एनाफिलीज से मलेरिया होता है। मच्छरों के पनपने का मुख्य कारण घर और घरों के आसपास रुका हुआ पानी है। स्वास्थ्य विभाग और नगर निगम अपने स्तर पर इससे निपटान के लिए कार्य कर रहा है।
शहरवासियों की भी जिम्मेदारी है कि वे मच्छरजनित बीमारियों के लिए जागरूक रहें। अक्सर हमें यह लगता है कि मच्छर बाहर से आ रहे हैं, लेकिन घर के अंदर भी गमला, कूलर, टायर ये ऐसी वस्तुएं हैं, जहां पानी जमा हो जाता है और हम ध्यान ही नहीं देते। लार्वा पानी में इल्ली के जैसा कीड़ा होता है। जब हम पानी में लाइट दिखाते हैं तो यह तेजी से चलता है।
ऐसे में हम पानी में घर में उपयोगी तेल डाल सकते हैं। इसके अलावा यदि घर के आसपास पानी लंबे समय से जमा है तो गाड़ियों का जला आइल उसमें डाल सकते हैं। यह बात जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. रश्मि शर्मा दुबे ने कही। वह बुधवार को नईदुनिया के हेलो डॉक्टर कार्यक्रम में मच्छरजनित बीमारियों से बचाव पर पाठकों के सवालों के जवाब दे रही थीं। डॉ. दुबे ने बताया कि किसी भी प्रकार के बुखार को हल्के में नहीं लेना चाहिए। हमेशा विशेषज्ञ की सलाह से उपचार करवाना चाहिए।
जवाब - डेंगू-मलेरिया से बचाव के लिए सबसे जरूरी है कि हम मच्छरों से बचें। इसके लिए हमें उन्हें पनपने से रोकना होगा। हम पूरी बांह के कपड़े पहनें, मच्छरदानी का उपयोग करें, क्रीम का उपयोग करें आदि। घर और घर के आसपास पानी जमा न होने दें।
जवाब - मच्छर साफ पानी में पनपते हैं। हम घरों के बाहर तो सफाई पर ध्यान देते हैं, लेकिन घर के अंदर और छतों पर जमा हो रहे पानी पर ध्यान नहीं देते हैं। इसलिए बाहरी सफाई करने के बाद भी मच्छरों से राहत नहीं मिलती है।
जवाब - डेंगू, मलेरिया का मच्छर साफ पानी में पनपता है। हमारी टीम को जब भी मरीजों की जानकारी मिलती है तो हम आसपास के 200 घरों का सर्वे करते हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में भी हमारी टीम कार्य कर रही है।
जवाब - डेंगू और मलेरिया का पता ब्लड टेस्ट से किया जाता है। इसके लिए एलाइजा जांच की जाती है। हालांकि हमें घबराने की आवश्यकता नहीं है, अधिकांश मरीज दवाई से ही स्वस्थ हो जाते हैं।
जवाब - यदि आपको कहीं पानी में मच्छर नजर आते हैं, दवाई का छिड़काव करवाना चाहते हैं तो नगर निगम की 311 एप पर शिकायत कर सकते हैं।
जवाब - यह बच्चों के लिए हानिकारक हो सकती है क्योंकि इनमें केमिकल रहता है। इनकी जगह हम मच्छरदानी का उपयोग कर सकते हैं, लेकिन सबसे पहले कोशिश करें कि हम मच्छर पनपने ही न दें। रहवासी अलग-अलग समूह बनाकर देखें कि कॉलोनी में कहीं पानी तो जमा नहीं हो रहा है।