
नईदुनिया प्रतिनिधि,इंदौर। एमजीएम मेडिकल कॉलेज में बाद अब डेंटल कालेज में जूनियर के साथ रैगिंग का मामला सामने आया है। मामले में एंटी कमेटी रैगिंग द्वारा जांच के बाद तीन छात्राओं को सस्पेंड कर दिया है। एमडीएस के प्रथम वर्ष के विद्यार्थियों ने यूजीसी में तीन छात्राओं की नामजद शिकायत की थी।
इसमें आरोप लगाया कि सीनियर द्वारा हमें सुबह कक्षा में पहले बुला लिया जाता है और शाम को भी देर तक बैठाकर रखते हैं। हमें शाम को छुट्टी के बाद भी कालेज से बाहर भी जाने नहीं देते हैं।
इसके कारण हम मानसिक रूप से प्रताड़ित हो रहे हैं। यह शिकायत गुरूवार को हुई थी। इसमें शुक्रवार को एंटी रैगिंग कमेटी ने सभी विद्यार्थियों को बयान के लिए बुलाया।
साथ ही जिन छात्राओं पर आरोप लगे थे, उनके भी बयान दर्ज किए। कमेटी के सामने सभी विद्यार्थियों ने रैंगिग होने से इंकार कर दिया। लेकिन नामजद शिकायत होने के बाद तीन छात्राओं को 15 दिन के लिए सस्पेंड कर दिया गया है।
जिन सीनियर छात्राओं के खिलाफ शिकायत हुई थी, उन्हें जब एंटी रैंगिग कमेटी ने बुलाया तो वह माफी मांगने लगी। कहने लगे कि हमने रैगिंग नहीं की है। लेकिन मामले की गंभीरता को देखते हुए प्रबंधन ने कार्रवाई की।
इंदौर में पिछले दो माह में रैगिंग की यह चौथी शिकायत है। अक्टूबर माह में एमजीएम मेडिकल कॉलेज की एक छात्रा ने शिकायत की थी कि उसे सीनियर द्वारा प्रताड़ित किया गया, जिससे 22 किग्रा वजन कम हो गया। इसके बाद नवंबर माह में जूनियर ने सीनियर के खिलाफ शिकायत की थी कि निजी फ्लैट पर बुलवाकर सीनियर से मारपीट की और डांस करवाया। साथ ही शराब पीने के लिए मजबूर किया। मामले में एक माह के सीनियर को सस्पेंड किया था। वहीं हाल ही में एमजीएम मेडिकल कॉलेज में ही जूनियर द्वारा निजी फ्लैट पर बुलाकर मारपीट करने की शिकायत की थी।
एमडीएस के प्रथम वर्ष के विद्यार्थियों ने यूजीसी में शिकायत की थी। मामले में एंटी रैगिंग कमेटी ने जांच की। नामजद शिकायत होने पर तीन छात्राओं को 15 दिनों के लिए सस्पेंड कर दिया गया है। साथ ही पत्र भी लिखवाया कि आगे से ऐसी कोई गलती नहीं करेंगे।
अलका गुप्ता, प्राचार्य