Rangpanchami 2023: जितेंद्र यादव, इंदौर (नईदुनिया)। रंगपंचमी यानी रंगों की पंचमी। इंदौरियों के लिए यह वह दिन होता है जब रंग चेहरों पर लगकर केवल हवा में नहीं उड़ते, बल्कि अपने पंचम स्वर में गूंजते भी हैं। रंगों की इसी पंचमी को उत्सव में बदलने वाली गेर को विश्व धरोहर बनाने के लिए एक बार फिर प्रयास शुरू हो गए हैं। इसके लिए इतिहास से लेकर वर्तमान तक गेर की यात्रा को लिखित और बोलते दस्तावेजों में समेटा और संवारा जाएगा। इसके लिए प्रशासन ने तैयारी शुरू कर दी है।
गेर के करीब 75 साल पुराने इतिहास से लेकर आज तक के लिखित दस्तावेज, फोटो और वीडियो को दस्तावेजों में शामिल किया जा रहा है। दस्तावेजों के संकलन के लिए प्रशासन के अधिकारियों और इतिहास के जानकारों की टीम काम कर रही है। इसमें एडीएम अजयदेव शर्मा, डा. मनोहरदास सोमान सहित अन्य विशेषज्ञ शामिल हैं। गेर निकालने वाली संस्थाओं के अलावा इतिहासकाराें से भी संपर्क किया जा रहा है। यूनेस्को में गेर को विश्व धरोहर का दर्जा दिलाने के लिए इंदौर ने तीन साल पहले भी प्रयास किया था। कोरोना महामारी शुरू हो जाने से यह प्रयास अधूरा रह गया था। प्रतिकूलता में यह सपना केवल सोया हुआ था, लेकिन अनुकूलता मिलते ही फिर अंगड़ाई ले रहा है।
किसी पारंपरिक और ऐतिहासिक उत्सव काे विश्व धरोहर का दर्जा दिलाने की एक प्रक्रिया होती है। प्रक्रिया के तहत भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय के अधीन कार्यरत संगीत नाट्य अकादमी की देखरेख में इसका प्रस्ताव तैयार किया जाएगा। गेर के मामले में यही किया जा रहा है। प्रारंभिक तौर पर जिला प्रशासन द्वारा तय समिति गेर की स्वस्थ परंपरा, इतिहास और इसमें आम जनता की भागीदारी से जुड़े दस्तावेजों का संकलन करेगी। इसमें होलकरकाल में रंगपंचमी की परंपरा से लेकर मध्यकाल में और वर्तमान तक किस-किस तरह के बदलाव आए और इसका प्रारंभिक स्वरूप कैसा था, यह सब शामिल रहेगा।
यह समिति प्रस्ताव तैयार कर संगीत नाट्य अकादमी को प्रस्तुत करेगी। अकादमी और संस्कृति मंत्रालय इस प्रस्ताव का परीक्षण कर प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) को भेजेंगे। पीएमओ के माध्यम से यह प्रस्ताव यूनेस्को को भेजा जाएगा। कलेक्टर इलैया राजा टी का कहना है कि गेर इंदौर की सांस्कृतिक और सामाजिक परंपरा का अभिन्न अंग है। इसे विश्व धरोहर का दर्जा दिलाने के लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं। गेर के बारे में जिन लोगों के पास भी कोई पुराने और नए दस्तावेज, फोटो आदि हों, वे उपलब्ध कराकर सहयोग कर सकते हैं।