
नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर। नगरीय सीमा में पिछले साल की तुलना में इस वर्ष गंभीर अपराधों में इजाफा दर्ज किया गया है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार हत्या जैसे अपराध ज्यादा घटित हुए हैं। वर्ष 2024 में जहां 62 हत्याएं दर्ज हुई थीं, वहीं, इस साल यह संख्या बढ़कर 65 तक पहुंच गई है। पुलिस का दावा है कि हत्या के करीब 25 प्रतिशत मामलों में अपनों की संलिप्तता सामने आई है, जो अपराध की बदलती प्रवृत्ति को दर्शाता है।
हाल में तीन घटनाओं में पतियों ने अपनी पत्नियों को मौत के घाट उतार दिया। शहर में दुष्कर्म की घटनाओं में भी चिंताजनक बढ़ोतरी की है। बढ़ते आंकड़े न सिर्फ कानून-व्यवस्था बल्कि सामाजिक सुरक्षा और संवेदनशीलता पर भी सवाल खड़े कर रहे हैं। इस साल 101 करोड़ रुपये की साइबर ठगी सामने आई है।
पुलिस कमिश्नर (सीपी) संतोष कुमार सिंह ने मंगलवार को वर्षभर में घटित अपराधों की जानकारी दी। सीपी ने बताया कि शेडो एकिया, हाट स्पाट, ड्रोन पेट्रोलिंग और बीट सिस्टम की मजबूती से अपराधों पर नियंत्रण हुआ है। जानलेवा हमला जैसे प्रकरणों में एक भी आरोपी फरार नहीं है।
उपद्रव, सामूहिक हिंसा जैसी घटनाओं पर भी काबू पाया गया और बालक-बालिकाओं के गुम मामलों में संतोषजनक परिणाम रहे। हत्या जैसी घटनाओं को लेकर कहा कि 25 प्रतिशत मामलों में परिचित, रिश्तेदार ही निकले हैं। गैंगवार और सुपारी लेकर हत्या के मामले शून्य हैं। फायर आर्म्स से भी एक हत्या हुई है।
इस वर्ष साइबर अपराधों के आंकड़े चिंताजनक हैं। साइबर अपराधियों ने डिजिटल अरेस्ट, ऑनलाइन ट्रेडिंग, इन्वेस्टमेंट, वर्कफ्राम होम का झांसा देकर ठगी की है। सीपी के अनुसार साल 2023 की तुलना में 239 और साल 2024 की तुलना में 22 प्रतिशत बढ़े हैं। पुलिस ने इस साल 72 प्रकरण दर्ज कर 112 आरोपितों को पकड़ा है।
सोशल मीडिया के दो हजार से ज्यादा अकाउंट्स बंद करवाए और 1200 से ज्यादा हैक अकाउंट्स की रिकवरी की है। पुलिस ने एनसीआरपी के माध्यम से 25 हजार 124 खाते फ्रीज भी किए हैं। इसी तरह धोखाधड़ी में उपयोग किए 52 मोबाइल (आइएमईआइ) और 91 सिमकार्ड ब्लाक करवाए हैं।

सीपी के अनुसार क्षेत्रफल के अनुमान से बल की कमी है। पांच थाने ऐसे हैं, जिनमें बल बढ़ाने की आवश्यकता है। उन्होंने यह भी कहा कि लसूड़िया, बाणगंगा और चंदननगर थाने का विभाजन कर नए थाने बनाने का प्रस्ताव स्वीकृत हो चुका है। पिछले दिनों लसूड़िया और विजयनगर में महिला निरीक्षकों की नियुक्ति की गई थी। इसके सकारात्मक परिणाम मिलें हैं। अन्य थानों में भी इसका दोहराव किया जाएगा। साइबर अपराधों के लिए सेल का गठन किया जाएगा।