इंदौर में आज राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का महा पथ संचलन, एक लाख 50 हजार स्वयंसेवक जुटे
इंदौर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का भव्य पथ संचलन हो रहा है, जिसमें एक लाख 50 हजार स्वयंसेवक शामिल हैं। ये स्वयंसेवक पूर्ण गणवेश में कदमताल कर रहे हैं। संघ की गौरवशाली यात्रा का यह महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो 'संघे शक्ति कलियुगे' मंत्र के साथ शुरू हुई थी। आयोजन में समाज के विशिष्टजन और विभिन्न क्षेत्र के लोग शामिल हो रहे हैं।
Publish Date: Sun, 05 Oct 2025 10:28:59 AM (IST)
Updated Date: Sun, 05 Oct 2025 12:14:48 PM (IST)
राष्ट्रवाद, अनुशासन एवं त्याग का अलख जगाते ये पथ संचलन इंदौर के चार जिलों के 34 नगरों से निकाले जा रहे हैं।नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर। एक सदी पूर्व ‘संघे शक्ति कलियुगे’ मंत्र के साथ आरंभ हुई राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की गौरवशाली यात्रा के एक और प्रसंग का साक्षी आज इंदौर बन रहा है। संघ के एक लाख पचास हजार स्वयंसेवक राष्ट्र प्रथम का भाव लिए पूर्ण गणवेश में कदमताल करते निकल रहे हैं, अलग-अलग इलाकों में यह संचलन शाम तक जारी रहेगा।
राष्ट्रवाद, अनुशासन एवं त्याग का अलख जगाते ये पथ संचलन इंदौर के चार जिलों के 34 नगरों से निकाले जा रहे हैं। एक संचलन 30 से 45 मिनट में तय मार्ग पूरा करेगा। समाज में उत्साह, उमंग और ऊर्जा भरने वाला घोष दल भी हर संचलन के साथ होगा। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का जहां शताब्दी वर्ष आयोजन हो रहा है वहीं घोष दल भी अपनी यात्रा के 98 वर्ष पूरे कर रहा है।
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हर संचलन के साथ घोष वादन करते दल भी हैं। संचलन में सह सरकार्यवाह अरुणकुमार के अतिरिक्त मध्य क्षेत्र के कार्यवाह हेमंत मुक्तिबोध, प्रांत प्रचारक राजमोहन, प्रांत के संघचालक डॉ. प्रकाश शास्त्री, प्रांत के सहकार्यवाह श्रीनाथ गुप्ता सहित कई बड़े पदाधिकारी शामिल हो रहे हैं। पथ संचलन से पहले उद्बोधन एवं शारीरिक प्रकट कार्यक्रम भी हुए। इसमें समाज के विशिष्टजन के साथ ही अलग-अलग क्षेत्र से जुड़े लोग एवं मातृशक्तियां भी शामिल हुईं।
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राष्ट्र जागरण के लिए पढ़ाएंगे ये पांच सोपान
- नागरिक अनुशासन में ट्रैफिक नियमों के साथ स्वच्छता, टैक्स चुकाना, अतिक्रमण नहीं करना, समय का पालन, सार्वजनिक संपत्ति का संरक्षण सहित 14 बिंदुओं की सीख देंगे।
- घर में सभी जाति वर्ग के बंधुओं से समानता का व्यवहार, अपने घर में महापुरुषों के चित्र एवं उनकी विशेष पर्व में सहभागिता करना है।
- प्रति वर्ष एक पौधा लगाना, जल पुनर्भरण करना, घर की डिजाइन ऐसी रखना कि प्रकाश एवं हवा अवरुद्ध न हो, डिस्पोजल, कागज का उपयोग न करना सहित 14 अन्य बिंदु।
- स्वदेशी जीवनशैली : वेशभूषा में भारतीय संस्कार, पिज्जा बर्गर की बजाए ताजा भारतीय भोजन खाना, घर में मातृभाषा में संवाद सहित 12 अन्य बिंदु।
- परिवार प्रबोधन : त्योहार भारतीय तिथि अनुसार मनाएं, दादा-दादी, नाना-नानी से आत्मीय संवाद सहित अन्य बिंदु।