नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर। एमवाय अस्पताल के पीडियाट्रिक सर्जरी विभाग के एनआईसीयू में नवजातों को चूहे द्वारा कुतरने का मामला सामने आया था। हालांकि शहर में चूहे द्वारा घर, ऑफिस विभिन्न स्थानों पर काटने की घटनाएं होती है। जिसमें एंटी रैबिज वैक्सीन लगवाने से मरीजों को राहत मिल जाती है। आठ माह में चूहे द्वारा लोगों को कांटने के 754 मामले सामने आ चुके हैं।
हुकुमचंद अस्पताल के आकड़ों के मुताबिक जनवरी से अगस्त माह तक यह मामले सामने आए है। अस्पताल के रिकॉर्ड के मुताबिक रेट बाइट पीड़ितों में बच्चों से लेकर हर आयु वर्ग के लोग शामिल है। इनमें अधिकांश बच्चे और मधुमेह रोगी मरीज रहते हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक चूहे द्वारा कांटने पर पहले टिटनेस का इंजेक्शन लगाया जाता था, लेकिन डब्ल्यूएचओ की गाइडलाइन में बदलाव के बाद इसमें एंटी रैबिज वैक्सीन को जोड़ दिया है। उनका मानना है कि कई मामलों में चूहे के कांटने से रैबिज हो सकता है।
आकड़ों के मुताबिक चूहे के काटने के सबसे कम मामले जनवरी माह में सिर्फ 30 है। वहीं जुलाई माह में सबसे अधिक 234 लोगों को चूहे द्वारा काटा गया था। विशेषज्ञों के मुताबिक बारिश के दिनों में हर वर्ष चूहे द्वारा काटने के मामले बढ़ जाते हैं। स्वास्थ्य विभाग के आकड़ों इस प्रकार हैं...
महीना-चूहा पीड़ित
जनवरी- 30
फरवरी- 38
मार्च- 55
अप्रैल- 55
मई- 63
जून- 108
जुलाई- 234
अगस्त- 171
कुल 754 चूहे द्वारा काटने के मामले हर वर्ष सामने आते हैं।
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हुकुमचंद अस्पताल के प्रभारी डॉ. आशुतोष शर्मा ने कहा कि हमारे अस्पताल में पीड़ित लोगों को एंटी रैबिज वैक्सीन लगाई जाती है। इससे लोगों को आराम मिलता है। इस वर्ष अगस्त माह तक 754 लोगों को वैक्सीन लगाई जा चुकी है।