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नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर। लगभग 72 वर्ष पुराने शास्त्री ब्रिज का दम अब फूलने लगा है। चूहों ने इस ब्रिज को अंदर ही अंदर खोंखला कर दिया है। रविवार को शास्त्री ब्रिज की एक तरफ की भूजा का हिस्सा अचानक धंस गया। इसके चलते गांधी प्रतिमा से शास्त्री मार्केट की तरफ आने वाली सड़क पर पांच फीट गहरा और छह फीट लंबा गड्ढा हो गया। हालत यह थी कि सड़क धंसने से पुराने सरिए भी दिखाई देने लगे। पुलिस ने यातायात रोककर बेरिकेटिंग की जिसके बाद हालात सामान्य हो सके।
सूचना मिलते ही नगर निगम की टीम मौके पर पहुंची और बगैर किसी तकनीकी जांच के गड्ढे को मलबे से भर दिया गया। हालांकि देर शाम तक गड्ढे पर से यातायात शुरू नहीं हो सका था। घटना ने शास्त्री ब्रिज के रखरखाव पर सवाल खड़े कर दिए हैं। रविवार सुबह लगभग दस बजे शास्त्री ब्रिज की एमटीएच मार्केट की तरफ बनी भुजा में झुकाव आ गया। कुछ ही देर में यहां सड़क धंस गई और लगभग पांच फीट गहरा गड्ढा हो गया।
अच्छी बात यह रही कि अवकाश का दिन होने से शास्त्री ब्रिज पर उस वक्त वाहनों की बहुत ज्यादा आवाजाही नहीं थी अन्यथा वाहन गड्ढे में गिरने से जनहानि की आशंका भी थी। मौके पर मौजूद लोगों ने घटना की जानकारी तुरंत यातायात पुलिस को दी। पुलिस मौके पर पहुंची और गड्ढे के आसपास बैरिकेडिंग कर वाहनों को आसपास से गुजरने से रोका। सूचना मिलते ही नगर निगम की टीम भी मौके पर पहुंची। लगभग तीन घंटे बाद नगर निगम की टीम ने गड्ढे में मलबा भरकर इसे बंद कर दिया।
नगर निगम की टीम ने शास्त्री ब्रिज के गड्ढे को भरने से पहले इस बात की जांच करने की जरूरत ही नहीं महसूस की आखिर ब्रिज धंसा क्यों। टीम मलबा लेकर आई और भर दिया। बताया जा रहा है कि शास्त्री ब्रिज के आसपास बड़ी संख्या में चूहे हैं। ब्रिज पर बड़ी संख्या में भिक्षुक और खानाबदोश लोग रहते हैं। ये लोग खानेपीने की चीजें ब्रिज पर छोड़ जाते हैं जो चूहों को आकर्षित करती हैं। चूहों की वजह से पिछले वर्ष भी शास्त्री ब्रिज की मजबूती पर सवाल उठ चुके हैं।
उस वक्त भी नगर निगम ने दावा किया था कि ब्रिज की स्थिति सुधारी जाएगी और चूहों का सफाया किया जाएगा, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। कांग्रेस ने महापौर को घेरा शास्त्री ब्रिज पर हुए गड्ढे को लेकर शहर कांग्रेस ने महापौर पुष्यमित्र भार्गव को घेरा है। नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष चिंटू चौकसे ने कहा कि पूरे शहर में गड्ढे हैं। रखरखाव के अभाव में शास्त्री ब्रिज दम तोड़ रहा है। महापौर नहीं बता पा रहे हैं कि शहर की सड़कों के गड्ढे कब ठीक होंगे।
शास्त्री ब्रिज का निर्माण वर्ष 1953 में किया गया था। 448 मीटर लंबे ब्रिज के निर्माण में उस वक्त लगभग एक करोड़ रुपये खर्च हुए थे। यह ब्रिज पश्चिम और पूर्वी इंदौर को जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इस ब्रिज से रोजाना लाखों वाहन गुजरते हैं। शहर का लगातार बढ़ते यातायात के चलते इस ब्रिज के स्थान पर नए ब्रिज की मांग उठने लगी है।
हादसों की आशंका के चलते फिलहाल बगैर तकनीकी जांच के गड्ढे को मलबे से भर दिया गया है। मैं खुद इसका दौरा करूंगा। मलबा निकालकर इस बात की जांच कराएंगे कि आखिर सड़क धंसी क्यों। इस क्षेत्र में ब्रिज के आसपास बड़ी संख्या में चूहे हैं। लोग खानेपीने की चीजें ब्रिज पर छोड़ जाते हैं। आशंका है कि चूहों की वजह से सड़क पोली हुई और धंस गई। राजेंद्र राठौर, जनकार्य समिति प्रभारी नगर निगम इंदौर