नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर। इंदौर-राऊ से पीथमपुर को जोड़ने वाला रेलवे ओवरब्रिज की सड़क की हालत दयनीय है। हाल ही में हुई वर्षा के कारण इस ओवरब्रिज पर आठ से 10 फीट चौड़े और चार से छह इंच गहरे कई गड्ढे बन गए हैं। ये गड्ढे इतने बड़े हैं कि इनमें चार पहिया और दो पहिया वाहनों के आधे-आधे पहिये तक समा रहे हैं। इन गड्ढों के कारण वाहन चालकों का संतुलन बिगड़ रहा है, जिससे दुर्घटनाएं बढ़ रही हैं। इसके अलावा, ब्रिज की लाइट भी बंद है, जिससे रात के समय यात्रा करना और भी खतरनाक हो गया है।
एबी रोड, राऊ के गोल चौराहे से पीथमपुर की ओर जाने वाला यह रेलवे ओवरब्रिज लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) द्वारा 10 वर्ष पहले 17 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया था। यह ओवरब्रिज पीथमपुर और एबी रोड को जोड़ने वाला मुख्य मार्ग है। इस ब्रिज से रोजाना हजारों भारी और हलके वाहन गुजरते हैं, और राऊ एवं रंगवासा क्षेत्र की कई कालोनियों के निवासी भी इसका उपयोग करते हैं।
प्रदेश सरकार ने राऊ रेलवे क्रासिंग पर पीडब्ल्यूडी के माध्यम से फ्लाईओवर का निर्माण कर वाहन चालकों को राहत प्रदान की थी। अब गड्ढे होने से पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र और रंगवासा की कॉलोनियों के लिए सफर कष्टदायक बन गया है। ब्रिज से उतरकर राऊ की ओर जाने वाले लेफ्ट टर्न पर भी बड़े गड्ढे बन गए हैं, जिससे वाहन चालक धीमी गति से निकलने को मजबूर हैं। इससे सुबह से रात तक ब्रिज पर यातायात प्रभावित होता है।
राऊ रेलवे ओवरब्रिज पर गड्ढों की स्थिति इतनी गंभीर हो गई है कि मेन रेलवे स्पान पर बड़े-बड़े गड्ढे बन गए हैं। ब्रिज के दोनों तरफ भी गहरे गड्ढे हो चुके हैं। राऊ निवासी इरफान मंसूरी और संजय नरवले ने बताया कि वर्षाकाल के बाद गड्ढों में पानी भर जाता है, जिससे उनकी गहराई का पता नहीं चलता। इससे वाहन चालकों का संतुलन बिगड़ जाता है और दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ जाता है। यदि कोई वाहन चालक तेज गति से गड्ढों से निकलता है, तो सस्पेंशन टूटने का भी डर रहता है।