इंदौर, नईदुनिया प्रतिनिधि Indore News। पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी मुख्यालय ने आदेश जारी कर शिवलाल करवाडिया को आइपीडीएस का नया प्रोजेक्ट डायरेक्टर नियुक्त किया है। मौजूदा आइपीडीएस डायरेक्टर अशोक शर्मा को मुख्य सतर्कता अधिकारी के अधीन पदस्थापना देने के आदेश दिए गए हैं। अशोक शर्मा का बीते दिनों प्रोजेक्ट में कमीशन मांगने का आडियो वायरल हुआ था। इसी के साथ महू में पदस्थ इंजीनियर मोहनसिंह सिकरवार से भी सहायक यंत्री का करंट चार्ज वापस लेकर उनका डिमोशन कर दिया गया है। सिकरवार को अब कनिष्ठ यंत्री के रूप मेें पदस्थापना दी गई है।
नईदुनिया ने केंद्र की योजना आइपीडीएस में बड़े पैमाने पर हुए भ्रष्टाचार का खुलासा किया था। हालांकि बिजली कंपनी भ्रष्टाचार को दबाती रही। बीते दिनों नईदुनिया ने आइपीडीएस के प्रोजेक्ट डायरेक्टर अशोक शर्मा की एक आडियो क्लिपिंग सार्वजनिक कर दी थी। इसमें वे ठेकेदार कंपनी के अधिकारी से कमीशन को लेकर मोलभाव करते सुनाई दे रहे थे। खुलासे के बाद भी शर्मा को अब तक आइपीडीएस में ही पद पर बनाए रखा गया था। इसके बाद भ्रष्टाचार को लेकर बिजली कंपनी की मंशा पर ही सवाल खड़े होने लगे थे।
अब कंपनी नेे शर्मा को आइपीडीएस से हटाने का आदेश दिया। इसी दौरान कंपनी ने नया कारनामा करते हुए मोहनसिंह सिकरवार को हरसूद से इंदौर जिले के महू में पदस्थापना दे दी थी, जबकि सिकरवार को 11 महीने पहले ही लोकायुक्त ने रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया था। सिकरवार को बिजली कंपनी ने न केवल इंदौर जिले में बुलाया बल्कि करंट चार्ज के रूप में उन्हें सहायक यंत्री का पद भी दिया गया था। नईदुनिया के सवाल उठाने के बाद अब बिजली कंपनी के मुख्य महाप्रबंधक संतोष टैगोर ने संशोधन आदेश जारी कर सिकरवार का करंट चार्ज वापस लेकर डिमोशन कर दिया है। सिकरवार अब कनिष्ठ यंत्री के तौर पर महू में पदस्थ रहेंगे।
मेहरबानी कम नहीं
कमीशन खोरी और आइपीडीएस के भ्रष्टाचार के मामले में उलझे अशोक शर्मा को बिजली कंपनी द्वारा नियमों से परे जाकर लाभ देने के आरोप लग रहे हैं। दरअसल आइपीडीएस में शर्मा को वरिष्ठता सूची को दरकिनार कर प्रोजेक्ट डायरेक्टर बना दिया था। इंजीनियरों की वरिष्ठता सूची में शर्मा का नंबर काफी निचला था। इसके बावजूद पहले उन्हें प्रोजेक्ट डायरेेक्टर का पद दिया गया।
अभियंता संघ ने भी मामले में उर्जा मंत्री को शिकायत की थी कि बिजली कंपनी वरिष्ठता सूची का उल्लंघन कर रही है। उर्जामंत्री प्रद्युम्नसिंह तोमर ने बिजली कंपनी को पत्र लिखा था कि वरिष्ठता सूची का पालन किया जाए। हालांकि इसके बाद भी कंपनी ने शर्मा को नहीं हटाया था। भ्रष्टाचार में घिरने के बाद अब पद से हटाया लेकिन करंटी चार्ज के रूप में दिया गया प्रमोशन बरकरार रखा गया है।