नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर। राजेंद्र नगर बिजली जोन में फिर जानलेवा लापरवाही उजागर हुई है। बरसते पानी में बिजली ट्रांसफार्मर का सुधार बिना लाइन बंद किए करवाया गया। सुधार करने वाले आउटसोर्स बिजली कर्मचारी ने जब जोन इंजीनियर से सुरक्षा के लिए लाइन बंद करने की मांग की तो उसे नौकरी से निकालने की धमकी दे दी गई। जान जोखिम में डालते हुए कर्मचारी ने सुधार तो कर दिया, लेकिन इस मामले में शिकायत कंपनी को की गई है। इससे पहले अनंत चतुर्दशी पर बिजली सुधार में लापरवाही के लिए जोन चर्चा में आ चुका है।
जोन पर काम करने वाले आउटसोर्स कर्मचारी की ऑडियो रिकॉर्डिंग के साथ शिकायत डिवीजन दफ्तर में पहुंची है। ऑडियो में कर्मचारी जोन के सहायक यंत्री शंकर भगत से मांग करता सुनाई दे रहा है कि सुधार से पहले हैंड ट्रिप दिया जाए। यानी कि संबंधित क्षेत्र की बिजली लाइन पर आपूर्ति बंद कर दी जाए ताकि उसे करंट लगने का खतरा नहीं रहे। इंजीनियर मना करते हैं कि लाइन बंद नहीं होगी। इस पर लाइन कर्मचारी कहता है कि आप लिखित में दें कि मैं चालू लाइन पर सुधार करूं। इस पर इंजीनियर उसे कहते हैं कि वो लिखित में नहीं देंगे, काम करना पड़ेगा वरना नौकरी छोड़। इसके बाद कर्मचारी कहता है कि मुझे कुछ हुआ तो फिर कहेंगे मैंने गलती की, आपको जिम्मेदारी तो लेना पड़ेगी।
रिकॉर्डिंग सामने आने के बाद अधिवक्ता अभिजित पांडे ने लाइनमैन की ओर से डिवीजन मुख्यालय में शिकायत की है। शिकायत में कहा गया है कि सिर्फ सुरक्षा मानकों को अनदेखा नहीं किया गया बल्कि जानबूझकर आउटसोर्स कर्मचारी की जान खतरे में डाली। जबकि ट्रांसफार्मर पर सुधार का काम भी हाईटेंशन स्टाफ का काम था ना कि जोन के अस्थाई अकुशल कर्मचारी का। मामले में लाइनमैन रवि ने नईदुनिया से कहा कि बरसात के बीच डीओ डाला जाना था। मेरे दस्ताने और बांस गीले थे, लेकिन लाइन बंद नहीं की गई। इंजीनियर के दबाव बनाने पर मैंने कॉलोनी वालों से सूखा बांस लिया और जैसे-जैसे सुधार काम किया।
हमारी एसोसिएशन इस मामले में अधिकारियों से मिल रही है। पहले कई लाइनमैन की जान ऐसे ही मामलों में जा चुकी है। लगातार हो रही मनमानी इससे पहले जोन के जिम्मेदार इंजीनियर के खिलाफ मनमानी को लेकर और भी शिकायतें हुई हैं। अनंत चतुर्दशी पर परस्पर नगर में आठ घंटे तक बिजली गुल रही। जोन इंजीनियर को सिर्फ एक ट्रांसफार्मर से दूसरे ट्रांसफार्मर पर लाइन शिफ्ट करना थी।
हालांकि इंजीनियर ने करने से इनकार कर दिया। बाद में बिजली कंपनी मुख्यालय शिकायत हुई तो जांच भी की गई। जिम्मेदारों के निलंबन का प्रस्ताव बना था लेकिन जांच दबा दी गई। अब दूसरी शिकायत हुई है। मामले में कार्यपालन यंत्री शैलेंद्र सिंह भदौरिया का कहना है कि ताजा मामले में लाइनमैन को बयान के लिए बुलाया गया है। इसके बाद स्पष्ट होगा कि किस स्थिति में उससे काम करवाया गया। पुराने मामले में नोटिस सीधे मुख्यालय से जारी होना था, मुझे जानकारी नहीं है।