नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर। कारोबारी चिराग जैन की हत्या का आरोपित विवेक जैन दूसरे दिन भी हाथ नहीं आया। डीसीपी हंसराज सिंह ने उसकी गिरफ्तारी पर 10 हजार रुपये का इनाम घोषित किया है। उसकी गिरफ्तारी के लिए दो थानों की टीम भी गठित की है। एक टीम को भिंड व ग्वालियर भेजा गया है।
एडिशनल डीसीपी जोन-2 अमरेंद्र सिंह के मुताबिक विवेक जैन निवासी बख्तावरराम नगर (तिलक नगर) ने 39 वर्षीय चिराग जैन की शनिवार सुबह चाकू मारकर हत्या कर दी थी।
घटना के बाद पुलिस ने विवेक के घर की तलाशी ली तो चार मोबाइल मिले। पुलिस ने उसकी पत्नी को हिरासत में ले लिया। उसने पूछताछ में बताया कि चिराग से व्यावसायिक विवाद था। दो महीने पूर्व ही दोनों में समझौता हो गया था। विवेक बंटवारे से संतुष्ट नहीं था। वह चिराग का बचपन का दोस्त है। उसे लगा कि चिराग ने धोखा दिया है।
ऑफिस और गोदाम में बाउंसर तैनात कर प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया था। पुलिस ने विवेक के भाई को भी हिरासत में लिया है। एडीसीपी के मुताबिक विवेक की गिरफ्तारी पर दस हजार रुपये का इनाम घोषित कर तिलक नगर और कनाड़िया थाने की टीमें गठित कर दी है। पुलिस अब सीसीटीवी फुटेज से कड़ियां जोड़ रही है।
पाइप कारोबारी चिराग जैन की हत्या से तीन दिन पहले तक आरोपित विवेक जैन बड़े प्यार से बातें कर रहा था। ऐसा वह आमतौर पर नहीं करता था इसलिए चिराग ने घर में यह बात बताई भी थी। इससे यह संकेत मिले हैं कि विवेक पहले से साजिश कर रहा था। ग्वालियर में रविवार सुबह चिराग के अंतिम संस्कार में शामिल हर शख्स की जुबान पर यही बात थी कि खास दोस्त ने ऐसा क्यों किया। चिराग ने ही विवेक को कारोबार सिखाया और सेटल करने के लिए इंदौर बुला लिया था। विवेक के भाइयों का ग्वालियर में कारोबार है। वे वारदात के बाद से ही दुकानें बंद कर लापता हैं। भिंड से विवेक का परिवार भी गायब है।
इंदौर में कृषि उपकरण और पाइप कारोबारी चिराग जैन और उनकी हत्या करने वाले पूर्व बिजनेस पार्टनर विवेक जैन का बचपन भिंड की गलियों में बीता है। चिराग के मामा कृषि उपकरण व पाइप के बड़े कारोबारी हैं। इटावा रोड मंशापूर्ण मंदिर के सामने उनकी वर्षों पुरानी दुकान है। मामा के साथ कारोबार के गुर सीखकर 20 साल पहले चिराग ने इंदौर में कारोबार की शुरुआत की थी। जब विवेक को पता चला तो उसने चिराग से संपर्क करना शुरू कर दिया। अपनी बेरोजगारी का दुखड़ा रोकर रोजगार दिलाने की बात कही। इसके बाद चिराग ने विवेक को इंदौर बुला लिया और काम भी सिखाया।
भिंड के महावीरगंज में विवेक का मकान है। पिता महावीर प्रसाद उर्फ भज्जू जैन का तेल मिल है। विवेक चार भाइयों में सबसे छोटा है। बड़ा भाई राकेश और तीसरे नंबर का भाई मुलू जैन की ग्वालियर में मोटर वाइंडिंग की दुकान है। तीसरे नंबर का भाई मनोज जैन भिंड में तेल मिल संभालता है। चिराग के परिवार के सदस्य लला जैन ने बताया कि विवेक कई सालों से भिंड नहीं आया। जानकारी के अनुसार जब चिराग और विवेक भिंड में रहते थे तब दोनों ही शहर की मोटर वाइंडिंग की बड़ी दुकानों पर काम सीखने के लिए जाते थे।
चिराग के करीबी लोगों के अनुसार विवेक के बाद डेढ़ साल पहले उसका भाई टीटे इंदौर आ गया था, वह विवेक को भड़काता था और इसी कारण विवेक व चिराग में कारोबार को लेकर टकराव होने लगा। विवेक का भाई चिराग को धमका भी चुका था।
इस पर चिराग ने शिकायत करने की तैयारी की तो बार बार विवेक परिवार के साथ चिराग के घर आकर माफी मांग लेता था। कुछ समय पहले ही कारोबार के सिलसिले में सिंगापुर की यात्रा भी चिराग को मिली थी जिसे विवेक ने हथिया लिया था और वह सिंगापुर गया था।