नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर। मानसून के जोर से अब किचन का बजट प्रभावित होने लगा है। वर्षाकाल में सब्जियों के दाम एकाएक उछलने लगे हैं। सोमवार को इंदौर के खेरची बाजार में तमाम प्रकार की हरी सब्जियां 80 से 100 रुपये प्रति किलो की दर से बिकने लगी। बैंगन जैसी सबसे सस्ती सब्जी के दाम भी उछलकर 80 रुपये किलो तक पहुंच गए। एक सप्ताह में सब्जियों के दाम दोगुने हो गए हैं। थोक बाजार से लेकर खेरची बाजार तक में दामों में ऐसा उछाल देखा जा रहा है।
देवी अहिल्याबाई होलकर (चोइथराम) थोक सब्जी मंडी के कारोबारी शगीर चौधरी के अनुसार बरसात के जोर पकड़ने से सब्जियों की आवक प्रभावित हो रही है। थोक मंडी में अब सीमित मात्रा में ही सब्जियां पहुंच रही है। शहर में मांग बरकरार है। ऐसे में नीलामी में आने वाली सब्जियां अब ऊंचे दामों पर बिक रही है। कारोबारी सलीम चौधरी बताते है कि बीते दिनों से जारी भारी वर्षा के कारण मालवा-निमाड़ से आने वाली सब्जियों की आवक लगभग बंद हो गई है। स्थानीय स्तर पर छिटपुट आवक हो रही है। इंदौर की थोक मंडी में अभी सब्जियों की आपूर्ति नासिक और महाराष्ट्र बार्डर से लगे क्षेत्रों से हो रही है। ऐसे में दूर से आने के कारण भी सब्जियां महंगी है।
थोक मंडी के कारोबारियों के अनुसार, दो महीने तक सब्जियों के दाम ऊंचे ही बने रहेंगे। दरअसल, मानसूनी बरसात के बाद मालवा-निमाड में अब सब्जियों की नई फसल की बोवनी हुई है। इसकी आवक डेढ़ महीने बाद होगी। इस दौरान भी यदि खेतों में पानी भरा तो फिर आवक रुकेगी। लिहाजा अभी लोगों को महंगी सब्जियां ही खाना पड़ेगा। थोक मंडी में जो सब्जियों के दाम है उसके मुकाबले दोगुने दाम पर खेरची दुकान-ठेलों से सब्जियां उपभोक्ताओं को बेची जाती है।
(नोट: सब्जियों के दाम थोक मंडी के नीलामी भाव के अनुसार)