
SafaiMitra Suraksha Challenge: उदय प्रताप सिंह, इंदौर। स्वच्छता में अव्वल इंदौर सफाई मित्रों की सुरक्षा में भी अग्रणी है। अत्याधुनिक तकनीक के इस्तेमाल से सफाई मित्रों की सुरक्षा का भी पूरा ख्याल इंदौर रखता है। इस बार देश के 500 शहरों के बीच हो रहे स्वच्छ सर्वेक्षण में सफाई मित्र सुरक्षित शहर चैलेंज के भी अंक हैं। आवासन व शहरी कार्य मंत्रालय ने इस बार स्वच्छ सर्वेक्षण में शामिल सभी शहरों को इसके मापदंड पूरे करने को कहा है। पिछली बार इंदौर सफाई मित्र सुरक्षा चैलेंज प्रतियोगिता जीत चुका है। ऐसे में 'सफाई मित्र सुरक्षित शहर' की प्रतियोगिता में भी इंदौर को पहला स्थान मिलना तय है।
सफाई मित्रों की सुरक्षा का दावा इस वजह से मजबूत
ड्रेनेज सफाई हेल्प लाइन: शहर में इंदौर 311 एप के अलावा 14420 हेल्प लाइन पर ड्रेनेज चैंबरों की टूटफूट, सफाई, चोक होने की समस्या के लिए शिकायतें भेजी जाती हैं। पिछले वर्ष हेल्प लाइन पर पांच हजार से ज्यादा शिकायतें इस हेल्प लाइन पर पहुंची थीं। ड्रेनेज चैंबर की सफाई के लिए यदि कोई कर्मचारी असुरक्षित तरीके से चैंबर में उतरता है तो उसकी भी शिकायत हेल्पलाइन पर की जा सकती है।
प्रशिक्षित विशेष दस्ता
कभी किसी चैंबर या ड्रेनेज लाइन की सफाई के लिए सफाई मित्र को उसमें उतरना पड़ता है तो इसके लिए शहर में इमरजेंसी सेनिटेशन रिस्पांस यूनिट बनी है। इस टीम में आठ लोग शामिल हैं। कलेक्टर व निगम कमिश्नर की अध्यक्षता में बनी कमेटी से अनुमति मिलने पर ही इस यूनिट के कर्मचारी को चैंबर में उतारा जाता है। इस टीम में शामिल कर्मचारियों को विशेष तरह का प्रशिक्षण मिला है। इन्हें किट, ट्रायपोड सहित अन्य सुरक्षा उपकरण भी दिए गए हैं। इनका हर वर्ष प्रशिक्षण होता है। इसके अलावा मेडिकल चेकअप व बीमा भी करवाया गया है।
मानक स्तर का सैप्टिंक टैंक
यदि किसी घर के आसपास सीवरेज लाइन नहीं है तो ही उसे सैप्टिक टैंक निर्माण की अनुमति दी जा रही है। यह टैंक भी इंडियन स्टैंडर्ड 2470 के आधार पर बनना चाहिए। सैप्टिक टैंक के साथ एक सोकपिट भी बनाया जा रहा है ताकि उसके ओवर फ्लो होने से गंदगी न फैले।
सफाई मित्र बने उद्यमी
असंगठित रूप से ड्रेनेज की सफाई का काम करने वाले लोगों को मुख्य धारा में जोड़ने के लिए सफाई मित्र व उनके परिवार के लोगों को ऋण दिलवाकर उनके माध्यम से सफाई के लिए वाहन खरीदे। इस तरह सफाई कार्य करने वाले उद्यमी बने और उनके आय का स्थायी जरिया भी तय हुआ। निगम द्वारा चिह्नित 38 लोगों के 10 से 15 लाख रुपये तक के ऋण मंजूर हुए। इनमें से 19 के वाहन निगम की वर्कशाप के माध्यम से सफाई कार्य में उपयोग हो रहे हैं। इन्हें जीवन बीमा व स्वास्थ्य बीमा का लाभ भी दिलवाया।
देश के 500 शहरों के बीच होगा मुकाबला
आवासन व शहरी कार्य मंत्रालय ने इस वर्ष स्वच्छ सर्वेक्षण में शामिल हो रहे 500 शहरों को 'सफाई मित्र सुरक्षित शहर" का चैलेंज दिया है। मंत्रालय ने 8 अगस्त को इसकी सूचना जारी कर सभी शहरों को 12 अगस्त तक तय मापदंडों को पूरे करने के दावों को पेश करने की डेडलाइन दी थी। इंदौर के अलावा देश के अन्य 500 शहरों ने भी इस चैलेंज के लिए अपना दावा पेश किया है। सफाई मित्रों की सुरक्षा के मापदंडों की जांच के लिए अलग से टीम शहरों में पहुंचेग
ड्रेनेज सफाई के लिए इंदौर निगम का ये है मजबूत सिस्टम
- 7 हजार सफाई संरक्षक (सड़क व अन्य स्थानों की सफाई के लिए)
- 772 सफाई मित्र (ड्रेनेज लाइन व चैंबर सफाई के लिए)
- 22 प्रेशर गाड़ियां
- 10 डिसेल्टिंग रिक्शा
- 5 रोबोट मशीन
- 2 छोटी प्रेशर गाड़ी
- 10 डिवाटरिंग गाड़ी
- 19 सफाई मित्रों के परिवार द्वारा ऋण लेकर निगम को उपलब्ध करवाए वाहन। इसमें प्रेशर, डिवाटरिंग व डिसेल्टिंग वाहन शामिल है।
शहर का सीवरेज सिस्टम
- 2200 किलोमीटर लंबा सीवरेज लाइन का नेटवर्क
- 2 लाख सीवरेज चैंबर शहर में
- 10 सीवरेज ट्रीटमेंट शहर म
सफाई मित्रों की सुरक्षा के उपकरण
- 85 वार्ड में प्रत्येक में एक-एक गैस डिटेक्टर
- 30 एयर ब्लोअर
- 700 गैस मास्क सफाई मित्रों को दिए।
प्रतियोगिता की जीत से पुरस्कार पिछले वर्ष सफाई मित्र सुरक्षा चैलेंज प्रतियोगिता जीतने पर इंदौर शहर को केंद्र सरकार से 12 करोड़ रुपये मिले। निगम ने शहर के करीब 7500 सफाई मित्र व संरक्षकों को इस राशि से बोनस के रूप में 10-10 हजार रुपये की राशि दी।