इंदौर, नईदुनिया प्रतिनिधि Amrit Mahotsav Indore । भारत की आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत आत्मा योजना द्वारा महू विकासखंड के हरसोला गांव में कृषक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस दौरान किसानों को बताया गया कि खेती में कम लागत लगाकर कैसे अधिक उत्पादन लिया जा सकता है। किसानों को बताया गया कि कृषि के अलावा उद्यानिकी, पशु पालन, मछली पालन और अन्य कृषि कार्य करके आमदनी बढ़ाई जा सकती है।

परियोजना संचालक आत्मा शर्ली थामस ने किसानों को बताया कि गेहूं फसल के अलावा उन्हें औषधीय फसलों की खेती पर भी ध्यान देना चाहिए, ताकि कम लागत में अधिक उत्पादन प्राप्त किया जा सके। इसमें अश्वगंधा की खेती लाभकारी सिद्ध हो रही है। कृषि वैज्ञानिक एनके तांबे ने कृषकों को जैविक खेती के विभिन्न पहलुओं की जानकारी दी कि अमृत पानी, पांच पत्ती काढ़ा, सात पत्ती काढा आदि बनाने की पूरी विधि के उपयोग के बारे में बताया। उन्होंने बायो डी-कंपोजर के उपयोग और लाभ के बारे में भी जानकारी दी।

डा. डीके मिश्रा ने उद्यानिकी फसलों में शामिल आलू, प्याज, लहसुन, गाजर, चुकंदर आदि के उत्पादन की उन्नत तकनीक के बारे में बताया। साथ ही कीटनाशक और उर्वरक का संतुलित और अनुशंसित मात्रा में उपयोग कैसे करें, यह जानकारी भी दी। इस अवसर पर पशुपालन विभाग के डा. सीएस डाबर ने पशुपालन विभाग द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं के साथ-साथ पशुओं की देखरेख और उनकी बीमारियों व उपचार के बारे में जानकारिया दी। अनुविभागीय कृषि अधिकारी एसआर एस्के ने किसानों को विभागीय योजनाओं की जानकारी दी। कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथियों के स्वागत और दीप प्रज्ज्वलन से किया गया।

Posted By: Sameer Deshpande

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