Shanishchari Amavasya : इंदौर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। शहरभर में शनिवार को शनि आराधना का उल्लास शनिश्चरी अमावस्या पर नजर आया। इस मौके पर शनिदेव का तिल-तेल से अभिषेक करने के लिए भक्तों की कतार लगी। इस अवसर पर कहीं भगवान को फूल बंगले में विराजित किया गया तो कहीं पवित्र नदियों के जल से अभिषेक किया गया। साथ ही सुंदरकांड का पाठ और महाप्रसादी का वितरण भी किया गया। बड़ी संख्या में अहिल्या की नगरी से भक्त उज्जैन और ओंकारेश्वर स्नान-दान-पूजन के लिए पहुंचे।
जूनी इंदौर स्थित शनि मंदिर में भगवान का मनोहारी श्रृंगार किया गया था। साथ ही फूल बंगला भी सजाया गया था। दिनभर दर्शन पूजन के लिए भक्तों की भीड़ लगी रही। रात को भी महाआरती में सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु उमड़े। जवाहर मार्ग स्थित शनि मंदिर पर शनिदेव के समक्ष छप्पन भोग लगाया गया। गजासीन शनि धाम उषानगर पर शनिश्चरी अमावस्या पर सुबह से देर रात तक भक्त दर्शन-पूजन के लिए पहुंचे। महामंडलेश्वर दादू महाराज के सान्निध्य में विभिन्न राशियों के लोगों ने पूजन अभिषेक किया। पंचकुइया स्थित श्रीराम मंदिर आश्रम पर शनिश्चरी अमावस्या पर महामंडलेश्वर लक्ष्मण दास महाराज के सान्निध्य में 1008 भक्त ने सुंदरकांड का पाठ किया। इस दौरान महाप्रसादी का वितरण भी जारी था।
शरीर स्वस्थ रहेगा तभी होगी गुरु की बंदगी
इंदौर। गुरु अंगददेव महाराज ने शरीर को हष्ट-पुष्ट रखने की शिक्षा दी है। उनका कहना था कि शरीर स्वस्थ रहेगा, तभी गुरु की बंदगी होगी। वे शाम के समय कुश्ती करवाया करते थे। खंडूर साहिब (पंजाब) में आज भी गुरुजी द्वारा बनाया अखाड़ा मौजूद है। यह बात कथावाचक ज्ञानी सुखविंदरसिंह ने शनिवार को गुरुद्वारा माता गुजरी सुदामा नगर में कही। वे गुरु अंगददेव महाराज के तीन दिनी प्रकाश पर्व के अवसर पर आयोजित गुरमत समागम के दूसरे दिन संबोधित कर रहे थे। सरदार तजिंदर सिंह खनूजा व जगजीत सिंह सलूजा ने बताया कि मुख्य दीवान रविवार को सुबह 8 से दोपहर 2 बजे तक सजेगा। इस अवसर पर गुुरु का लंगर होगा। धार्मिक पुस्तकों का स्टाल भी लगाया जाएगा। इसमें कीमतों में 50 फीसद की छूट दी जाएगी।