Chaitra Navratri 2023: चौसठ योगिनी की साधना से मिलती है तंत्र और योग में सिद्धि
Chaitra Navratri 2023: मंदिर में दोनों प्रत्यक्ष चैत्र और अश्विन नवरात्र के साथ दो गुप्त नवरात्र में भी विभिन आयोजन होते हैं।
By Sameer Deshpande
Edited By: Sameer Deshpande
Publish Date: Thu, 23 Mar 2023 11:35:49 AM (IST)
Updated Date: Thu, 23 Mar 2023 01:43:40 PM (IST)

Chaitra Navratri 2023: इंदौर, नईदुनिया प्रतिनिधि। शहर के पूर्वी क्षेत्र में राजकुमार ब्रिज के नीचे चौसठ योगिनी मरीमाता मंदिर है। यह मंदिर माता भक्तों के बीच 100 वर्ष से अधिक समय से आस्था का केंद्र बना हुआ। नवरात्र में दर्शन-पूजन के लिए यहां भक्तों की कतार लगती है। यहां महाकाली, महालक्ष्मी और सरस्वती के साथ चौसठ योगिनी के दर्शन होते हैं। मंदिर में दोनों प्रत्यक्ष चैत्र और अश्विन नवरात्र के साथ दो गुप्त नवरात्र में भी विभिन आयोजन होते हैं। पूजा अर्चना के लिए भक्तों की कतार लगती है। आषाढ़ माह में मेला भी लगता है।
101 वर्ष पुराना मंदिर, चौसठ योगिनी का काली कुल संबंध
श्रमिक क्षेत्र में आने वाला यह मंदिर 101 वर्ष पुराना है। यह मंदिर पहले एक चबूतरे पर था। भक्तों की आस्था के चलते कई चरणों में हुए निर्माण कार्य के बाद धीरे-धीरे इस स्थान ने एक वृहद मंदिर का स्वरूप लिया। यहां माता के तीन स्वरूप के साथ चौसठ योगिनी के दर्शन होते हैं। चौसठ योगिनी का संबंध मुख्यत: काली कुल से है। यह काली के ही भिन्न-भिन्न अवतारी अंश है। इनका तंत्र और योग विद्या से गहरा संबंध माना जाता है। मंदिर में रविवार, मंगलवार, शुक्रवार और पूर्णिमा एवं अमावस्या को बड़ी संख्या में भक्त आते हैं।
रिद्धि-सिद्धि और शिव परिवार भी
माता के मुख्य मंदिर के साथ यहां कई देवी-देवताओं के मंदिर भी है। रेलवे स्टेशन से कुछ दूरी स्थित इस मंदिर रिद्धि-सिद्धि भी विराजमान है। इस परिसर में शिव परिवार, हनुमानजी, गणेश, भैरव और मोतीबाबा के मंदिर है। भगवान शिव के बिल्वेश्वर महादेव व बड़केश्वर महादेव के रूप में दो शिवलिंग स्थापित है। विशेष अवसर पर अन्य देवी-देवताओं के दर्शन के लिए भी भक्त बड़ी संख्या में आते हैं।
साधक को मिलता मनोवांछित लाभ
मां काली के अवतारी अंश चौसठ योगिनी की साधना तंत्र और योग विद्या में महारत हासिल करने के लिए भी की जाती है। इनकी प्रसन्नता से साथ को मनोवांछित फल की प्राप्ती है। लक्ष्य प्राप्ति के लिए अनुशासित तरीके से साधना करना आवश्यक है। गुरु के मार्गदर्शन में फल की प्राप्ति जल्दी प्राप्त होती है।
- मुख्य पुजारी राजेंद्र आवले
शक्ति की उपासना से मिलती सफलता
शक्ति की उपसना व्यक्ति के कष्ट दूर होते हैं। अपने कार्यक्षेत्र में सफलता प्राप्त होती है। यहां माता का दिव्य स्वरूप की साधना होती है। माता के तीन स्वरूप के साथ 64 योगिनी के दर्शन भी यहां होते हैं। यह कल्याणकारी जागृत स्थान है।
- भक्त सतीश गोयल