सुमेधा पुराणिक चौरसिया, इंदौर। देपालपुर ब्लॉक स्थित सांसद आदर्श ग्राम मांचल में नाथ समुदाय के लोग पहली बार परंपरागत काम सांप पकड़ने से अलग मार्केट में कदम रखने की तैयारी में हैं। एक सरकारी दौरे में अफसरों को नाथ संप्रदाय की महिलाओं के हाथों खूबसूरत रजाई-गादी, कुशन कवर सहित कई हैंडीक्राफ्ट के आइटम बनाने का हुनर पता लगा है। अब इस हुनर को और निखारकर इंदौर से दिल्ली तक के मार्केट में सप्लाय करने की तैयारी की जा रही है।
दूसरे समुदायों से अलग-थलग रहने वाले और सिर्फ नाग पंचमी पर सालभर की कमाई जुटाने वाले नाथ संप्रदाय के उत्थान के लिए सांसद आदर्श ग्राम में पहल की जा रही है। सांसद सुमित्रा महाजन के इस गांव में 200 परिवार नाथ संप्रदाय हैं।
फिलहाल, हालात यह है कि इन परिवारों के पास कमाई का कोई जरिया नहीं है। सिर्फ नाग पंचमी पर साल में एक बार लोग पैसा कमाने निकलते हैं। इसके बाद आसपास ही भिक्षावृत्ति कर पेट पालते हैं। यहां तक कि इस गांव में नाथ संप्रदाय का कोई बच्चा स्कूल नहीं जाता। समाज की मुख्य धार से पूरी तरह कटे हुए नाथ लोगों के लिए महिला बाल विकास विभाग ने पहल की है। घर-घर में नाथ संप्रदाय की महिलाएं और बच्चे रंग-बिरंगी गादी, रजाई, झोले, कुशन कवर, पायदान, दरी आदि बनाने का काम करती हैं। इनके पास बाजार तक पहुंचने का कोई साधन नहीं होने से इनका उपयोग अपने लिए ही करती हैं।
अब नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ फैशन डिजाइनिंग और हेल्पिंग हैंड संस्था इन महिलाओं को औपचारिक प्रशिक्षण देगी, जिससे इनका हुनर और ज्यादा निखर सके।
बाजारों से होने वाली कमाई से नाथ संप्रदायों का जीवन स्तर सुधरेगा। मार्केट से भी काफी अच्छा प्रतिसाद मिल रहा है। इन लोगों को अच्छी क्वालिटी का कपड़ा, मशीनें, धागे सहित सभी संसाधन उपलब्ध कराए जा रहे हैं।
महिला बाल विकास विभाग के सहायक संचालक विष्णु प्रताप सिंह राठौर व एनजीओ के सुरेश एमजी ने बताया कि गांव के सभी संप्रदाय रोजगार से जुड़ेंगे, तभी गांव वास्तविक आदर्श बन सकेगा। पहले इन मार्केट में एनजीओ और अधिकारियों द्वारा प्रयास किए जाएंग। फिर लोग अपना मार्केट खुद तैयार करेंगे। अगले कुछ दिनों में ग्रामीणों को प्रशिक्षण देने का सिलसिला शुरू होगा। इसके लिए निफ्ड और हेल्पिंग हैंड संस्था ने सहमति दी है।