इंदौर। नगर प्रतिनिधि
सुपर कॉरिडोर पर 230 एकड़ में आकार ले रहे देश की दिग्गज आईटी कंपनियों टीसीएस और इंफोसिस के एसईजेड के लिए सालभर और इंतजार करना होगा। वर्ष 2017 में दोनों कंपनियों के द्वार रोजगार के लिए खुलेंगे। दोनों कंपनियां यहां बीपीओ सेंटर (बिजनेस प्रोसेस आउटसोर्सिंग) खोलेंगी। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने इन्हें पहले वर्ष 2016 तक कैम्पस निर्माण पूरा करने की मियाद तय की थी, लेकिन समय पर पानी-बिजली की व्यवस्था नहीं होने पर देर हो गई। अब दोनों की समय-सीमा मंत्रालय ने बढ़ाई है।
दोनों कंपनियों के कैम्पस के चारों तरफ बाउंड्रीवॉल बनने के साथ ही तीन से चार मंजिला स्ट्रक्चर भी तैयार हो चुका है। दोनों कैम्पस को विशेष क्षेत्र का दर्जा होने से निर्माण सामग्री पर लगने वाले कर और प्रॉपर्टी टैक्स में छूट भी मिली है। जिस हिसाब से कैम्पस की प्लानिंग की गई है और मौजूदा निर्माण कार्य हो रहे हैं, उससे लगता है कि अगले साल फिर कंपनियां एक साल और बढ़ाने की मियाद मांग सकती हैं।
उधर दोनों आईटी कंपनियों के प्रदेश से बाहर दूसरे कैम्पस में काम कर रहे प्रदेश के आईटी प्रोफेशनल्स को भी निर्माण पूरा होने का इंतजार है, ताकि वे अपना ट्रांसफर यहां करा सकें।
इसलिए हुई देरी
- अनुबंध के अनुसार स्थानीय विभागों को कॉरिडोर पर बिजली और पेयजल व्यवस्था करना थी, लेकिन अभी तक काम शुरू नहीं हो सका।
- अभी तक न बिजली की लाइन बिछाई गई, न ही नर्मदा लाइन का पता है। पिछले दिनों संभागायुक्त संजय दुबे ने एक बैठक ली थी। इसमें मुद्दा उठा था। निगम को यहां पांच एमएलडी पानी पहुंचाना है।
- एमओयू होने के बाद कंपनियों के आवंटन में भी देरी हुई। आईडीए ने किसानों से जमीन की रजिस्ट्री कराई। फिर उद्योग विभाग को जमीन सौंपी। कंपनियों ने लीज बढ़ाने की मांग भी की थी। यह मुद्दा भी देर से सुलझा।
पांच हजार से ज्यादा रोजगार
प्रदेश सरकार ने टीसीएस और इंफोसिस को 20 लाख रुपए प्रति एकड़ के हिसाब से 230 एकड़ जमीन दी है। सस्ते दामों में जमीन देने के साथ सरकार ने यह शर्त भी रखी थी कि प्रदेश के 50 प्रतिशत बेरोजगारों को दोनों कंपनियां रोजगार देंगी। पहले चरण में कंपनियां 5 हजार आईटी प्रोफेशनल्स को रोजगार देंगी।
सालभर का समय बढ़ाया
दोनों कंपनियों के लिए सालभर का समय बढ़ाया गया है। इंफोसिस को मई 2017 तक और टीसीएस को अप्रैल तक कैम्पस निर्माण करना है। दोनों कंपनियों ने बिजली और पानी की मांग की थी। यह दोनों छह माह में मुहैया करा दिया जाएगा।
- जेएम गुप्ता, कमिश्नर, डेवलपमेंट, स्पेशल इकोनॉमिक जोन