इंदौर नईदुनिया प्रतिनिधि। महू से सनावद के बीच दोहरीकरण के काम के लिए रेलवे द्वारा करवाया जा रहा सर्वे अगले माह तक पूरा होने की उम्मीद है। इसके बाद टेंडर कर काम शुरू करवाया जाएगा। इस प्रोजेक्ट को रेलवे ने हाल ही में विशेष दर्जा दिया है। अगले तीन साल में इसे पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
जानकारी के अनुसार रतलाम, इंदौर महू खंडवा रेल प्राेजेक्ट में खंडवा से सनावद के बीच का काम लगभग पूरा हो गया है, जबकि महू से सनावद के बीच का काम अभी बाकी है। सालों से लंबित चल रहे इस प्राेजेक्ट में महू से सनावद तक का काम प्रमुख रूप से होना है। इसमें वन विभाग की काफी जमीन है, जिसे हासिल करना काफी आसान होगा। 2008 में जब रतलाम-इंदौर-महू-सनावद-खंडवा-अकोला बड़ी लाइन प्रोजेक्ट मंजूर हुआ था, तब इसकी लागत 1400 करोड़ रुपये थी। अब महज महू-सनावद प्रोजेक्ट में ही 2470 करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च होने का अनुमान है।
खंडवा से सनावद तक ब्रॉडगेज परिवर्तन पूर्ण हो चुका है। पहले सनावद से लेकर बलवाड़ा तक के हिस्से का काम शुरू हाेगा। रेलवे अधिकारियों ने बताया कि अगर महू-सनावद गेज परिवर्तन परियोजना के पुराने सर्वेक्षण के आधार पर लाइन बदली जाती तो रेलों को तेज ढ़लान से होकर गुजरना पड़ता। इससे रेल यातायात में बाधाएं पैदा होती, इसलिए दोबारा सर्वे करवाना पड़ रहा है। सर्वेक्षण का काम मई तक पूरा हो जाएगा, जिसके बाद इस परियोजना पर तेजी से काम चलेगा। हाल ही में रेलवे ने इस प्रोजेक्ट को विशेष दर्जा दिया है, जिससे उम्मीद है कि अब काम जल्द शुरू होगा। टेंडर होने के साथ ही जमीन अधिग्रहण होगा और काम शुरू होगा। इस प्राेजेक्ट के पूरा होने से महाराष्ट के लिए एक नई बड़ी रेल लाइन मिल जाएगी। इसके अलावा इंदौर दाहोद रेल परियोजना को भी रेलवे ने विशेष प्रोजेक्ट का दर्जा दिया है।