Surya Mandir Indore: इंदौर आधुनिक विचारधारा के साथ जितना आगे बढ़ रहा है, उतना ही मान्यताओं, परंपराओं और अध्यात्म की धुरी को भी थामे हुए है। इस शहर में अगर ऐतिहासिक इमारतों की धरोहर हैं, तो यहां मंदिरों की भी कमी नहीं है। ऐसा ही एक अनूठा मंदिर है कैट रोड स्थित सूर्य मंदिर, जहां सूर्यदेव नौ ग्रह और उनके अधिष्ठाता देवी, देवताओं की मूर्ति के रूप में विराजित हैं।
22 वर्ष पहले बना यह अनूठा सूर्य मंदिर आस्था और पर्यटन का विशेष केंद्र है। प्रत्यक्ष देव कहे जाने वाले सूर्य की उपासना करने तो यहां भक्त आते ही हैं, साथ ही इस स्थान पर पिकनिक मनाने के लिए भी कई लोग आते हैं। यहां आने का सबसे सही वक्त सूर्योदय के कुछ देर बाद से करीब 11 बजे तक का है। ऐसा इसलिए क्योंकि यह वह वक्त है जब सूर्य की किरणें मंदिर में स्थापित सूर्यदेव की प्रतिमा पर सीधी पड़ती हैं। खास बात तो यह है कि सर्दी में जब सूर्य की किरणें कोहरे के कारण मद्धम हो जाती हैं, तब सूर्यदेव की मूर्ति पर पड़ने वाला प्रकाश यज्ञोपवीत की तरह नजर आता है। हशमत राय राजदेव ने इस मंदिर का निर्माण अपनी मां की इच्छा पूरी करने के लिए कराया था। अब यह स्थान लोगों की मनोकामनाएं पूरी करने का भी केंद्र बन गया है।
करीब डेढ़ एकड़ क्षेत्रफल में फैले मंदिर में 13 फीट ऊंची सूर्यदेव की मूर्ति है। यह मूर्ति ओडिशा के कलाकारों ने संगमरमर को तराशकर तैयार की थी। मंदिर में सूर्यदेव सहित नौ ग्रहों की भी मूर्तियां हैं और यह सभी मूर्ति सौर मंडल में ग्रहों की दूरी, दिशा के अनुरूप यहां स्थापित की गई है। नौ ग्रहों के साथ उन ग्रहों के अधिपति की मूर्तियां भी हैं। मंदिर की एक खास बात यह भी है कि यहां 12 माह के अनुसार सूर्यदेव के 12 नामों और उनके रूप के अनुरूप म्यूरल भी बनाए गए हैं। मसलन धाता, अर्यमा, मित्र, वरुण, इंद्र, पूषा, अंशुमान आदि।
दो कुंड और सूर्य से चलने वाली घड़ी
मंदिर में केवल मूर्ति ही आकर्षण का केंद्र नहीं है बल्कि यहां बने दो कुंड और सूर्य के अनुसार चलने वाले घड़ी भी यहां है। मुख्य सूर्य मूर्ति के ठीक सामने जो कुंड बना है, उसमें कमल के फूल हैं जबकि दूसरा कुंड छठ पूजा के लिए है। मंदिर में एक घड़ी ऐसी भी है जो सूर्य के अनुसार चलती है। यह घड़ी पत्थर की बनी है। मंदिर की सेवादार मीनाक्षी नाबर बताती हैं कि बागली राजपरिवार के रिपुदमन सिंह राठौड़ ने यह घड़ी यहां भेंट की थी। यह घड़ी सन 1851 की है, जिसे वे विदेश से लाए थे। डा. अरविंद उपाध्याय के निर्देशन में बने इस मंदिर में भक्त प्रतिदिन ग्रहशांति हवन भी करते हैं।