Taste Of Indore: चैत्र प्रतिपदा-गुड़ी पड़वा, वर्ष का पहला दिन और श्रीखंड के स्वाद का इंदौरी अंदाज हो साथ
बदलते दौर के साथ घर की रसोई में बाजार की चमक-दमक शामिल हो गई है और श्रीखंड दुकानों पर भी मिलने लगा है।
By Sameer Deshpande
Edited By: Sameer Deshpande
Publish Date: Sat, 06 Apr 2024 11:04:09 AM (IST)
Updated Date: Sat, 06 Apr 2024 11:17:03 AM (IST)
मालवा खासतौर पर इंदौर में भी गुड़ी पड़वा पर श्रीखंड-पूड़ी बनाई जाने लगी है।HighLights
- चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि जिसे गुड़ी पड़वा भी कहा जाता है।
- महाराष्ट्र में इस दिन श्रीखंड-पूड़ी बनाने की परंपरा है पर यह परंपरा अब मालवा का भी हिस्सा बन चुकी है।
- मालवा खासतौर पर इंदौर में भी गुड़ी पड़वा पर श्रीखंड-पूड़ी बनाई जाने लगी है।
Taste Of Indore: नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर। हर पर्व, हर मौसम अपने साथ लाता है कुछ खास खानपान की सौगात। होली पर जहां गुझिया की मिठास छाई रही, वहीं गणगौर पर्व घेवर का खस्ता और लजीज अंदाज लिए अपने साथ आ रहा है। इन दो पर्वों के बीच एक और अहम पर्व, खास दिन आ रहा है और वह है चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि जिसे गुड़ी पड़वा भी कहा जाता है।
इस दिन हिन्दू नववर्ष की शुरुआत होती है। यह एक ऐसा दिन है जो यूं तो हर सनातनी के लिए बहुत खास है पर महाराष्ट्र में इसकी छटा अनुपम होती है और उससे भी खास होती है भोग की थाली। महाराष्ट्र में इस दिन श्रीखंड-पूड़ी बनाने की परंपरा है पर यह परंपरा अब मालवा का भी हिस्सा बन चुकी है। अब मालवा खासतौर पर इंदौर में भी गुड़ी पड़वा पर श्रीखंड-पूड़ी बनाई जाने लगी है। बदलते दौर के साथ घर की रसोई में बाजार की चमक-दमक शामिल हो गई है और श्रीखंड दुकानों पर भी मिलने लगा है।
इंदौरियों ने
श्रीखंड को और भी खास बनाया और इसमें सूखे मेवों के साथ आम का भी समावेश किया। सराफा बाजार के शिवगिरी स्वीट्स पर तो वर्षभर श्रीखंड मिलता है। रामजी गुप्ता बताते हैं कि यूं तो चक्के में शकर मिलाकर उसे फेंटकर ही श्रीखंड तैयार किया जाता है लेकिन इंदौरियों की मांग और यहां के लोगों की पसंद के अनुरूप श्रीखंड में केसर और इलायची शामिल किया गया और अब सूखे मेवे भी इसमें मिलाए जाने लगे हैं। वैसे तो चक्का और शकर की मात्रा बराबर होती है लेकिन यदि चक्के में खटास आ जाए तो श्रीखंड का स्वाद किरकिरा हो जाता है। श्रीखंड के साथ शहर में और भी इनोवेशन हुए और इसमें आम का स्वाद भी जुड़ गया।
आमखंड का भी लुभाता है स्वाद
मधुरम स्वीट्स के श्याम शर्मा करीब 40 वर्ष से
आमखंड बनाते आ रहे हैं। वे बताते हैं चक्का और शकर की युक्ति से बनने वाली इस मिठाई में हमने आमरस को भी शामिल किया। पहले इसमें मालवी आम से तैयार रस मिलाया जाता था लेकिन जबसे मालवी आम की आमद कम हुई तबसे हापुस आम का रस इसमे शामिल किया जाने लगा। आम की अपनी मिठास इसका स्वाद और भी बढ़ा देती है।
इंदौरी हमेशा कुछ नया चाहते हैं इसलिए एक और प्रयोग किया जो सफल भी रहा। इसके तहत यदि श्रीखंड ज्यादा देर तक नहीं रखना है तो उसमें आम के टुकड़े भी शामिल किए जाने लगे। आम और श्रीखंड की यह मिलीभगत स्वाद के शौकीनों को भी खूब पसंद आ रही है। इंदौर का श्रीखंड और आमखंड तो अब अन्य शहरों में भी मंगाया जाने लगा है।