Taste Of Indore: मालवी लोगों की जुबान पर चढ़ा उत्तर भारत के व्यंजन राजमा-चावल का स्वाद
Taste Of Indore: शहर में एक ठिया ऐसा भी है जहां इसके अलहदा स्वाद का लुत्फ लिया जा सकता है।
By Sameer Deshpande
Edited By: Sameer Deshpande
Publish Date: Sat, 21 Oct 2023 09:00:43 AM (IST)
Updated Date: Sat, 21 Oct 2023 11:48:17 AM (IST)
राजमा चावल।Taste Of Indore: नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर। मालवा में जब खानपान की बात आती है तो दाल-बाफले का नाम सबसे पहले आता है और यह ठीक वैसा ही है जैसे पंजाब या उत्तरांचल में राजमा-चावल का जिक्र होता है। पर अब तो इंदौर में भी राजमा-चावल दावत में शामिल होते जा रहे हैं और उत्तर भारत के इस व्यंजन को मालवा में लोकप्रिय बनाने का कार्य राजस्थान के मसालों की मदद से किया जा रहा है।
ऐसा नहीं कि हमारे इंदौर के लिए यह भोजन कोई नया है लेकिन यह जरूर है कि इसे बनाने की विधि भारत के उत्तरी भाग से कुछ अलग है और यही इसके जायके में बड़ा अंतर ला देती है। शहर में एक ठिया ऐसा भी है जहां इसके अलहदा स्वाद का लुत्फ लिया जा सकता है।
कोटा से
इंदौर आकर बसे और अपनी पाककला के हुनर से इंदौरियों के बीच पहचान बना रहे अवनीत सिंह बताते हैं वे इस व्यंजन को कुछ अलग तरह से तैयार करते हैं। पहले तो राजमा और चावल दोनों ही आलादर्जे के लिए जाते हैं। राजमा को पकाने के लिए कूकर का नहीं बल्कि पीतल के भगोने का उपयोग किया जाता है। करीब दो-तीन घंटे उसे पकाया जाता है जिससे उसका स्वाद और भी निखरता है।
खड़े मसालों का उपयोग
राजमा तैयार करने के लिए देसी घी का उपयोग किया जाता है और जिस तरह से राजस्थान में बनने वाली सब्जी में खड़े मसालों का उपयोग किया जाता है उसी तरह इसमें भी खड़े मसाले डाले जाते हैं जिसमें बड़ी इलायची, जावित्री, खसखस और लालमिर्च प्रमुख है। खसखस का समावेश इसके टेक्स्चर और स्वाद को थोड़ा और खास बना देता है।
बात अगर अन्य मसालों की करें तो प्याज तो काटकर ही डाले जाते हैं जबकि अदरक और लहसुन का पेस्ट इसके स्वाद को बढ़ाता है। इसके साथ बासमती चावल परोसे जाते हैं। चटपटे राजमा के साथ लस्सी भी परोसी जाती है। दही से तैयार होने वाली इस लस्सी में इलायची और शकर के अलावा केसर का उपयोग किया जाता है।
बिना लहसुन-प्याज का भी राजमा
खंडवा रोड स्थित रानीबाग में सत्कार प्योर वेज पर अपने इस राजमा-चावल और लस्सी इंदौरियों के लिए तैयार करने वाले अवनीत सिंह बताते हैं कि चूंकि इंदौर में स्वाद के कई शौकीन ऐसे भी हैं जो बगैर प्याज-लहसुन का भोजन करते हैं और उनकी पसंद को ध्यान में रखकर ऐसे भी राजमा तैयार किए जाते हैं जिसमें प्याज-लहसुन न हो। जिन्हें तीखा कम पसंद है उनके लिए मिर्च कम जरूर डाली जाती है पर राजमा की रंगत को देख दोनों में अंतर नहीं किया जा सकता।