नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर। डिजिटल अरेस्ट की शिकार हुई केंद्रीय विद्यालय की सेवानिवृत्त प्राचार्य नंदनी चिपलुनकर के विद्यार्थियों की सूची में कई बड़े नाम शामिल रहे हैं। कई आईएएस, आईपीएस सहित कांग्रेस नेता जयराम रमेश जैसे दिग्गज इनके विद्यार्थी रहे हैं।
नंदनी को कई राष्ट्रीय अवार्ड भी मिल चुके हैं। साइबर अपराधियों ने बुजुर्ग नंदनी को वीडियो कॉल पर रखा था। नंदनी ने खुद को रूम में बंद कर लिया। यूएस में रहने वाले बेटे प्रभोद ने भी बात की मगर नंदनी ने उसकी भी नहीं सुनी। दूसरे दिन वायएन रोड स्थित एसबीआई पहुंचीं और कहा कि मुझे एफडी तोड़नी है।
नंदनी पैसे निकालने एसबीआई की वायएन रोड शाखा पहुंची तो साइबर अपराधी वीडियो कॉल पर जुड़े हुए थे। उन्होंने बैंक मैनेजर पुष्पांजलि कुमारी को आरटीजीएस फार्म भर कर दिया तो मैनेजर को शक हुआ। उन्होंने कहा आज सर्वर डाउन है। उनके जाते ही मैनेजर ने अपराध शाखा के एडीसीपी राजेश दंडोतिया को कॉल लगा दिया। पुलिस पहुंची और नंदनी की काउंसलिंग करके फोन बंद करवा दिया।
खाते में जमा रुपये भी आरटीजीएस करना है। डीसीपी (अपराध) राजेश त्रिपाठी के मुताबिक शहर में डिजिटल अरेस्ट की घटनाओं में हमने गुजराज, राजस्थान, तेलांगाना सहित अन्य राज्यों के आरोपितों को पकड़ा है। आरोपित बहुत कम पढ़े-लिखे हैं और पढ़े-लिखों को ही शिकार बना रहे हैं।
आरोपितों ने नंदनी को आइसीआइ सीआइ बैंक का खाता नंबर भेजा था। इसमें रुपये आरटीजीएस करवा रहे थे। खाता केरल का निकला है। इसे फर्जी दस्तावेजों के खुलाया गया था।