इंदौर, नईदुनिया प्रतिनिधि Indore News । किताबों की दुकानों के लिए पहचाने जाने वाले खजूरी बाजार में इन दिनों शिक्षा का अालाप नहीं हथौड़ों और मशीनों की घनघनाहट सुनाई दे रही है। सड़क पर जहां-तहां मलबे के ढेर लगे हैं। धूल के गुबार इतने कि पैदल निकलना तक मुश्किल है। धूल सने चेहरे लिए दुकानदार खुद भारी मन से अपने निर्माण तोड़ने में लगे हैं।
स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत किए जा रहे चौड़ीकरण ने कई दुकानदारों को सड़क पर ला दिया है। कई की पूरी की पूरी दुकान ही इस विकास की भेंट चढ़ गई है। जिनकी दुकानें बची हैं उनके सामने भी रोजीरोटी का संकट मुंहबाए खड़ा है। सरकार ने स्कूल भले ही खुलवा दिए लेकिन तोड़फो़ड के चलते खजूरी बाजार में व्यापार बंद है। तोड़फोड़ की वजह से कई दुकानों के शटर गायब हैं जो बचे हैं वे भी बंद हैं। लगभग ऐसे ही हालात बड़े गणपति से गौराकुंड चौराहे के बीच भी हैं।
कोरोना की वजह से पिछले 18 महीने से बंद स्कूल अब खुलने लगे हैं, लेकिन इसकी कोई खुशी खजूरी बाजार के व्यापारियों के चेहरे पर नजर नहीं आ रही। वजह है कि पूरे प्रदेश में किताबों के लिए पहचाने जाने वाला यह बाजार इन दिनों तोड़फोड़ के चलते बंद है। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत बड़े गणपति से कृष्णपुरा चौराहा तक सड़क की चौड़ाई 60 फीट की जाना है। खजूरी बाजार की ज्यादातर दुकानें इस चौड़ीकरण की जद में आ रही हैं। व्यापारी खुद ही जद में आ रहे निर्माण को हटा रहे हैं।
दुकानदारों की चिंता इस बात को लेकर भी है कि सड़क निर्माण में एक साल का समय लगेगा ऐसे में अगले शिक्षा सत्र का व्यापार भी प्रभावित हो जाएगा। दुकानदार हरीश अग्रवाल के मुताबिक दुकानदार खुद बाधक निर्माण हटाने को तैयार है लेकिन शासन को कुछ दिनों के लिए वैकल्पिक स्थान देना था।