इंदौर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। इंदौर के श्रमिक क्षेत्र स्थित बजरंग नगर में काठमांडू और केदारनाथ की तर्ज पर पशुपतिनाथ मंदिर है। शिव भक्तों के बीच यहां विराजित भगवान पशुपतिनाथ का स्वरूप आकर्षण का केंद्र है। श्रावण मास में पूजा अर्चना के लिए रोजाना भक्तों की कतार सुबह-शाम लग रही है।
विशेषता : पशुपतिनाथ मंदिर में सफेद पंचमुखी शिवलिंग विराजित है। पहला मुख सद्योजात, दूसरा वामदेव, तीसरा अघोरी और चौथा तत्त पुरुष और पांचवां शून्य स्वरूप है। महादेव के अलावा परिसर में राधाकृष्ण, राम दरबार, पवनपुत्र हनुमान और माता अंबे के मंदिर भी हैं। मंदिर से जुड़े लोग बताते हैं सफेद पत्थर के शिवलिंग का विशेष महत्व है। यहां भगवान कर्पूरगौर स्वरूप में विद्यमान हैं। मंदिर कब से है इसकी जानकारी नहीं है लेकिन जीर्णोद्धार के बाद मंदिर को आकर्षक और वृहद स्वरूप दिया गया जिसे 15 वर्ष से अधिक समय व्यतीत हो चुका है।
मान्यता : महादेव के कर्पूरगौर स्वरूप के बारे में कहा जाता है कि वे भक्त की सभी मनोकामना पूरी करते हैं। लोग मनोकामना पूर्ति के लिए 5, 11 और 21 सोमवार भगवान के जलाभिषेक के लिए आते हैं।
इस बार : इस बार श्रावण मास में हर सोमवार को रुद्राभिषेक होगा। पिछले दो साल की तरह इस बार गर्भगृह में प्रवेश पर प्रतिबंध नहीं है। भक्त अपने हाथों से पशुपतिनाथ का जलाभिषेक कर रहे हैं।
महादेव की साधना का उत्तम अवसर - मंदिर के पुजारी सत्येंद्र शास्त्री नेबताया कि मंदिर में विराजित शिवलिंग पंचमुखी है। भगवान के इस स्वरूप के बारे में कई कथाएं प्रचलित हैं। सफेद शिवलिंग की महिमा हमारे शास्त्रों में भी बताई गई है। श्रावण मास महादेव के साधना का उत्तम अवसर है।
शिव का हर स्वरूप कल्याणकारी - भक्त सरोज अग्रवाल का कहना है कि मेरी माता और मेरी सास से मुझे शिव आराधना की प्रेरणा मिली। पिछले 20 वर्ष से भगवान शिव की सेवा के लिए आ रही हूं। इससे मन में प्रसन्नता और शांति की अनुभूति होती है। शिव का हर स्वरूप कल्याणकारी है।