Indore News इंदौर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। मालवा के किसानों का रुझान ड्यूरम (कठिया) गेहूं की ओर लगातार बढ़ रहा है। यह गेहूं पोषण आहार के लिए बेहतर माना गया है। जबसे कंपनियों ने ड्यूरम गेहूं से पास्ता, दलिया, सूजी, नूडल्स बनाना शुरू किया है, अब किसान भी इसकी अधिक से अधिक पैदावार में जुट गए हैं। भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के इंदौर स्थित क्षेत्रीय गेहूं अनुसंधान केंद्र की ओर से किसानों को इस बार बड़ी मात्रा में ड्यूरम गेहूं की पूसा तेजस किस्म उपलब्ध कराई गई है।
हाल ही में केंद्र सरकार की आत्मनिर्भर भारत योजना को लेकर जिला प्रशासन ने भी कार्यशाला आयोजित की। इसमें किसानों के समूह बनाकर ड्यूरम गेहूं के उत्पाद बनाने पर जोर दिया गया। जिले के विभिन्न गांवों के किसानों ने ड्यूरम गेहूं के उत्पाद बनाने के बारे में जाना। इसमें प्रशासन, कृषि, उद्यानिकी और इंदौर प्रीमियर को-ऑपरेटिव बैंक के अधिकारी भी थे। कार्यशाला में ड्यूरम गेहूं के विभिन्न उपयोगों के बारे में जानने के बाद कई किसान ड्यूरम गेहूं के उत्पाद बनाने के लिए आगे आए। ऐसे किसानों को कृषि अधिकारियों ने ड्यूरम गेहूं के उत्पाद बनाने वाले कारखाने का अवलोकन भी कराया। कृषि विभाग के एसडीओ एसआर एस्के ने किसानों को गेहूं अनुसंधान केंद्र के प्रमुख वैज्ञानिक डॉ. एसवी साईंप्रसाद से भी मिलवाया। डॉ. साईंप्रसाद ने किसानों को बताया कि ड्यूरम गेहूं में प्रोटीन, आयरन, जिंक और सल्फर की अच्छी मात्रा हाेती है। पास्ता, नूडल्स जैसे फास्ट फूड के लिए भी इसकी खासी मांग है।
हाल ही में जिले की 23 प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों को चिन्हित किया गया है। इन संस्थाओं के माध्यम से जिले के कृषि उत्पादों को मूल्य संवर्धित और प्रसंस्करण करके मार्केटिंग का इंतजाम भी किया जाएगा।