नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर। विशेष पुलिस महानिदेशक (प्रशासन) आदर्श कटियार के पत्र से थानों में हड़कंप है। वर्षों से एक ही थाने में पदस्थ पुलिसकर्मियों पर तबादले की तलवार लटक गई है। पुलिस कमिश्नर संतोष कुमार सिंह ने तैनाती व आमद की जानकारी मांगी है। नगर सीमा में करीब हजार पुलिसकर्मियों का इधर-उधर होना तय है।
पुलिस मुख्यालय वर्षों से पत्र लिखता आया है। एसपी, आइजी और पुलिस कमिश्नर आदेशों का पालन नहीं करते थे। इस बार प्रशासन शाखा ने 10 जून को पत्र लिखकर 16 जून तक रिपोर्ट देने के आदेश दिए हैं। विशेष पुलिस महानिदेशक ने मार्च 2015 और जनवरी 2021 के पत्र का उल्लेख भी किया है।
पुलिस आयुक्त को भेजे पत्र में लिखा कि कार्यप्रणाली प्रभावी, पारदर्शी, जनोन्मुखी हो इसके लिए स्थानांतरण आवश्यक है। पूर्व में भी आरक्षक से लेकर एसआई की जानकारी मांगी थी। एक थाने में पदस्थापना सामान्यत: चार से पांच वर्ष से अधिक नहीं है। इस अवधि के पूर्ण होने पर उस पद पर उसी थाने में पदस्थ नहीं होना चाहिए।
आरक्षक से एसआई तक किसी भी कर्मचारी की एक ही अनुविभाग में विभिन्न पदों पर पदस्थापना अवधि 10 साल से ज्यादा नहीं है। इस पत्र के बाद नगरीय सीमा के सभी थानों से तैनाती और आमद का रिकार्ड मांगा गया है। पुलिस उपायुक्त (मुख्यालय) ने 20 पुलिसकर्मियों की टीम गठित की है जो सर्विस रिकार्ड देखकर छंटनी करने में जुटे हैं।
बाणगंगा थाने में कई पुलिसकर्मी ऐसे हैं जो सालों से जमे हैं। कुछेक तो सिपाही से एसआइ भी बन गए हैं। अपराध शाखा में भी काफी धांधली हो रही है। ज्यादातर पुलिसकर्मी पुराने हैं। कई तो बार-बार लौटकर आए हैं। उनका सर्विस रिकार्ड भी ठीक नहीं है।
जुएं, सट्टे, हवाला, लोकायुक्त जांच में फंसे पुलिसकर्मी भी क्राइम ब्रांच में हैं। कुछेक पर आपराधिक प्रकरण दर्ज हैं। कुछ बर्खास्त हो चुके हैं। किसी पर फर्जी आर्म्स लाइसेंस की जांच में धांधली का आरोप लग चुका है।
विशेष पुलिस महानिदेशक (प्रशासन) आदर्श कटियार के एक पत्र ने पूरे प्रदेश में हलचल मचा रखी है। विशेष डीजीपी ने अफसरों के स्टेनो, सहायक और रीडर को हटाने की सिफारिश की है। लंबी अवधि से पदस्थ स्टाफ पर निहित स्वार्थ की संभावना भी जताई है। कटियार पहले थानों में पदस्थ पुलिसकर्मियों की ही अदला-बदली के पक्ष में थे।
10 जून को उन्होंने पत्र भी जारी कर दिया था। 13 जून को दूसरा पत्र जारी हुआ जो रीडर, सहायक, स्टेनो और कर्मचारियों के संबंध में था। विशेष महानिदेशक ने एसडीओपी से लेकर पुलिस कमिश्नर, आईजी तक को चिट्ठी लिखी है। उन्होंने स्पष्ट लिखा कि कार्यालयों में कर्मचारी लंबे समय से जमे हैं। लंबी अवधि में निहित स्वार्थ की संभावना से इन्कार नहीं कर सकते। इससे पारदर्शिता प्रभावित होती है।
थाना प्रभारी बाबू व एचसीएम के माध्यम से रिपोर्ट बना रहे हैं। पुलिसकर्मी बाबू (स्थापना) व एचसीएम (थाना) से मिलकर आमद में हेराफेरी करवा रहे हैं। ज्यादा जोड़तोड़ बाणगंगा, विजय नगर, लसूड़िया, भंवरकुआं, खजराना, कनाड़िया थाने के लिए चल रही है। एसीपी कार्यालय के पुलिसकर्मी भी जद में हैं। कटियार ने पीए, स्टेनो और रीडर को भी हटाने के लिए पत्र लिखा है।