
इंदौर, नईदुनिया प्रतिनिधि CET DAVV Indore। देवी अहिल्या विश्वविद्यालय की कामन एंट्रेंस टेस्ट (सीईटी) को व्यवस्थित तरीके से कराने के लिए बुधवार को छात्र नेताओं ने कुछ मांगे विश्वविद्यालय के अधिकारियों के सामने रखी। ज्ञापन देकर मांग की गई है कि सीईटी के लिए बोर्ड का गठन किया जाए और इसमें अनुभवी प्रोफेसर और अधिकारियों को रखा जाए। परीक्षा के परिणाम में पारदर्शिता रखी जाए। परीक्षा होने के बाद उत्तर पुस्तिका को सार्वजनिक किया जाए।
छात्र नेताओं ने विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. रेणु जैन को ज्ञापन देकर सीईटी से संबंधित कई और भी मांगे रखी। ज्ञापन पूर्व कार्यपरिषद सदस्य और मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव तेज प्रकाश राणे के नेतृत्व में दिया गया। छात्र नेताओं ने मांग की है कि विश्वविद्यालय अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक वर्ग के विद्यार्थियों के हितों की प्रवेश प्रक्रिया में ध्यान रखे। सीईटी कमेटी में सभी वर्गों का प्रतिनिधित्व करने वाले अधिकारियों को जगह दी जाए।
जिन कोर्सेस में विद्यार्थियों की संख्या नाममात्र की रहती है उन्हें दूरस्थ शिक्षा के तहत पार्ट टाइम कोर्स किया जाए ताकि सेवानिवृत्त कर्मचारी, अधिकारी और प्राइवेट क्षेत्र में नौकरी करने वाले भी प्रवेश ले सके। सीईटी कमेटी में छात्र कल्याण विभाग के अध्यक्ष को शामिल नहीं किए जाने का भी विरोध दर्ज कराया। विश्वविद्यालय के आइआइपीएस और आइएमएस विभाग में छात्र-शिक्षक रेशों की जानकारी देने के साथ मांग की गई है कि जिन विभागों में शिक्षक कम है उन्हें इधर से उधर किया जाए।
पांच साल पहले विश्वविद्यालय ने अतिथि, संविदा और सहायक प्रोफेसर की नियुक्ति के लिए विज्ञापन जारी किया था। इसके बाद आवेदन के रूप में हर प्रतिभागी से दो हजार रुपये ले लिए गए। अब तक किसी तरह की नियुक्ति नहीं की गई। इस राशि पर लाखों रुपये का ब्याज विश्वविद्यालय को मिल रहा है। इसे वापस किया जाना चाहिए। महामारी को देखते हुए सीईटी की तारीख तय करने और विद्यार्थियों का स्वास्थ्य बीमा कराने की भी छात्र नेताओं ने ज्ञापन में मांग की है।