नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर। मध्य प्रदेश में इंदौर-देवास मार्ग पर अर्जुन बड़ौद में फ्लाईओवर निर्माण के कारण यातायात व्यवस्था ऐसी बिगड़ी कि गुरुवार से शुक्रवार तक 36 घंटे लगातार लगे जाम में हजारों वाहन फंस गए। एंबुलेंस भी नहीं निकल सकी। नतीजतन, दो लोगों की मौत हो गई। इनमें एक की मौत जाम के शोर में हार्ट अटैक से हुई। जबकि एक की घबराहट में सांसें थम गईं। हालांकि शनिवार को सीधे शासन से हस्तक्षेप के बाद पुलिस प्रशासन के अधिकारियों ने स्वयं लगकर यातायात डायवर्ट करके जाम की स्थिति नहीं होने दी। ऐसे में दोनों ओर गुरुवार दोपहर तीन बजे से शुक्रवार देर शाम तक तक न सिर्फ वाहनों की लंबी कतार लगी बल्कि जाम में हजारों वाहन फंसकर रह गए।
सेटेलाइट टाउनशिप निवासी 62 वर्षीय कमल पांचाल की कार भी जाम में फंस गई। इससे उन्हें घबराहट होने लगी। उनका बेटा कार निकालने की कोशिश करता रहा, लेकिन भीड़ इतनी ज्यादा थी कि गाड़ी हिल भी नहीं सकी। ऐसे में कमल लगभग डेढ़ घंटे तक तड़पते रहे, जैसे-तैसे उन्हें देवास के एक निजी अस्पताल ले जाया गया, जहां डाॅक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
वहीं, गुरुवार देर रात गांव गारी पिपलिया निवासी 32 वर्षीय संदीप पटेल को सीने में दर्द उठा। इलाज के लिए उनको स्वजन कार से ले जा रहे थे, जाम में यह कार भी फंस गई। इस दौरान संदीप की हार्ट अटैक से मौत हो गई। वहीं, जाम में 24 जून को कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गेहलोत का काफिला डेढ़ घंटे तक फंसा रहा। गुरुवार रात को केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान का काफिला भी करीब एक घंटे जाम में फंसा रहा।