नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर। दीपावली नजदीक आते ही घर लौटने वालों की जेब पर अतिरिक्त भार बढ़ गया है। अन्य शहरों में नौकरी या व्यवसाय करने वाले लोगों को इंदौर आने के लिए हवाई यात्रियों को टिकटों के दामों में रिकार्ड बढ़ोतरी झेलनी पड़ रही है। पिछले चार दिनों में किराया ढाई गुना तक पहुंच गया है। बेंगलुरु, मुंबई, पुणे, चेन्नई, हैदराबाद और अहमदाबाद जैसे शहरों से इंदौर आने का हवाई किराया सामान्य दिनों की तुलना में कई गुना अधिक बढ़ गया।
त्योहारों के मौसम में जहां ट्रेन और बसों के टिकट पहले से ही फुल हैं। वहीं अब हवाई यात्रियों को भी जेब ढीली करनी पड़ रही है। 15 से 20 अक्टूबर के बीच इंदौर आने वाली फ्लाइटों के टिकट 12 से 15 हजार रुपये तक पहुंच चुके हैं, जबकि सामान्य दिनों में यही किराया चार से छह हजार रुपये रहता है। उदाहरण के तौर पर इंदौर से बेंगलुरु जाने का किराया जहां लगभग 5500 रुपये है, वहीं बेंगलुरु से इंदौर आने का किराया 14 हजार रुपये तक पहुंच गया है।
इसी तरह, पुणे से इंदौर आने का किराया 13 से 14 हजार रुपये, जबकि जाने का मात्र 5300 रुपये है। हैदराबाद से आने वाले यात्रियों को 11 हजार रुपये से अधिक और चेन्नई से आने वालों को 13 से 15 हजार रुपये तक खर्च करने पड़ रहे हैं।
त्योहार के दौरान परिवार के साथ दीपावली मनाने का उत्साह अब आम लोगों की जेब पर भारी पड़ रहा है। ट्रेवल एजेंट एसोसिएशन आफ इंडिया के प्रदेश अध्यक्ष हेमेंद्र सिंह जादौन का कहना है कि इंदौर आने में यात्रियों को अधिक किराया चुकाना पड़ रहा है। दीपावली के त्योहार के कारण आने वालों की संख्या अधिक होती है, इसलिए किराया अधिक बढ़ा है।
यात्रियों का कहना है कि ट्रेनों में वेटिंग लंबी है, बसों में किराया डेढ़ से दो हजार रुपये तक बढ़ा है। अब एयरलाइंस भी त्योहार का फायदा उठा रही हैं। नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने भले ही डीजीसीए को किरायों पर नजर रखने और नियंत्रण के निर्देश दिए हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। 16 से 18 अक्टूबर के बीच किराये में सबसे अधिक उछाल देखा जा रहा है। यात्रियों का कहना है कि त्योहारी मौसम में सरकार को किराया नियंत्रण के लिए कदम उठाने चाहिए, ताकि घर लौटना लोगों के लिए बोझ न बन जाए।