इंदौर, नईदुनिया प्रतिनिधि। सोमवार को शहर में हुए राजनीतिक प्रदर्शनों और पुतला दहन के बाद पुलिस की एक तरफा कार्रवाई पर सवाल उठ रहे हैं। कांग्रेस नेता इस मुद्दे पर पुलिस कंट्रोल रूम पहुंचे और सिर्फ कांग्रेस नेताओं कार्यकर्ताओं पर ही मुकदमे दर्ज करने पर सवाल उठा। कांग्रेसियों ने पूछा कि पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ पर एफआइआर दर्ज होने के बाद मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान का पुतला जलाने पर कांग्रेस के लोगों पर तो प्रकरण दर्ज हुआ लेकिन भाजपा वालों ने शहर में अलग-अलग जगहों पर कमल नाथ का पुतला जलाया पुलिस ने उन पर प्रकरण दर्ज क्यों नहीं किया।
पूर्व मंत्री सज्जनसिंह वर्मा, विधायक संजय शुक्ला, विशाल पटेल, युवा कांग्रेस के अमन बजाज समेत तमाम कांग्रेस ने डीआइजी मनीष कपूरिया से मुलाकात की। वर्मा ने डीआइजी से कहा कि हम यहां इसलिए नहीं आए है कि आप हम लोगों पर से मुकदमा हटाओ। हम तो पूछना चाहते हैं कि क्या कानून पार्टी के हिसाब से अलग-अलग लागू होता है। सोमवार को पहले भाजपा के लोगों ने कमल नाथ का पुतला जलाया। बाकायदा सूचना और प्रेस विज्ञप्ति भी जारी की। उसकी प्रतिक्रिया में कांग्रेसियों ने मुख्यमंत्री की पुतला जलाया। तुरत-फुरत में पुलिस ने सिर्फ कांग्रेसियों पर ही प्रकरण दर्ज किया। क्या शहर में 28 जगह पर भाजपा के लोगों का पुतला जलाना नहीं दिखा।
डीआइजी ने कहा कि हम उन लोगों पर भी प्रकरण दर्ज कर रहे हैं। इस पर कांग्रेस नेताओं ने कहा कि हम पुतला दहन के वीडियो आपको सौंप रहे हैं। जिस तरह वीडियों से कांग्रेस नेताओं को पहचान कर नामजद प्रकरण दर्ज हुए। उसी तरह इन वीडियो से पहचान कर एक-एक व्यक्ति पर एफआइआर होना चाहिए। वैसे तो वीडियो जुटाने का काम पुलिस का था लेकिन वो भी हम कर रहे हैं। उल्लेखनीय है कि कोरोना वायरस के इंडियन म्यूटेंट शब्द के इस्तेमाल को भाजपा ने राजनीतिक मुद्दा बना लिया। पहलेे भोपाल में कमल नाथ पर एफआइआर दर्ज करवाई। फिर प्रदेशभर में पुतलेे फूंके। प्रतिक्रिया में कांग्रेस ने भी धरना देकर शिवराज सिंह चौहान का पुतला जला दिया। इसके बाद इंदौर में कांग्रेसियों पर मुकदमे दर्ज हुए। भाजपा वालों के लिए प्रशासन आंखें मूंदे बैठा रहा।