इंदौर,नईदुनिया प्रतिनिधि,zoo indore। लंबे इंतजार के बाद बुधवार को सफेद बाघिन रागिनी को बाघों के लिए तैयार नए बाड़े में छोड़ा गया। नए बाड़े में आते ही बाघिन ने बाड़े का मुआयना किया और जोरदार दहाड़ मारी। आठ साल की बाघिन रागिनी को बाड़े में दर्शक देख रोमांचित हो उठे। इस दौरान दर्शकों के बीच बाघिन की तस्वीर लेने की होड़ मची थी।
बाड़े का उद्घाटन विधायक महेंद्र हार्डिया ने किया। व्हाइट टाइगर के स्वागत के लिए जू प्रशासन ने खास इंतजाम किए गए थे। बाड़े को फूलों से सजाया गया था। दर्शक व्हाइट टाइगर को देखने के लिए लंबे समय से इंतजार कर रहे थे। नंदन-कानन जूलाजिकल पार्क ओड़िशा से तीन माह पहले ही एक व्हाइट और एक ब्लैक टाइगर लाया गया था। इसके बावजूद बाड़े का काम पूरा नहीं होने के कारण इन्हें दर्शकों को निहारने के लिए नहीं छोड़ा जा रहा था।
कमला नेहरू प्राणी संग्रहालय में सात साल पहले सात फरवरी को 2016 में सफेद बाघिन शिवानी की मौत हो गई थी। इसके बाद से चिड़ियाघर में व्हाइट टाइगर का न होने जू प्रशासन के साथ ही दर्शकों भी खासा खल रहा था। इसके बाद व्हाइट टाइगर को लाने की कवायद चल रही थी। इसके लिए हैदराबाद, औरंगाबाद सहित कई चिड़ियाघरों से चर्चा की गई। आखिर ओड़िशा के नंदन-कानन जू लाजिकल पार्क से एनिमल एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत एक साथ ब्लैक-व्हाइट टाइगर 22 अप्रैल को एक ब्लैक और व्हाइट टाइगर लाया गया। इसके अलावा दो गोल्डन फिजन पक्षी के जोड़े भी थे। इनके बदले एक शेर और भेड़िया का जोड़ा दिया गया। हालांकि अभी ब्लैक टाइगर को नहीं छोड़ा गया है।
जू प्रशासन के मुताबिक व्हाइट के बाद अब ब्लैक टाइगर को भी जल्द ही बाड़े में छोड़ा जाएगा। ब्लैक नर बाघ चार साल का है। इसके शरीर पर काली धारियां है। यह दुर्लभ प्रजाति सिर्फ ओडिशा में पाई जाती है। व्हाइट टाइगर के लिए एक करोड़ 72 लाख की लागत से बाड़ा बनाया गया है। इसमें उन्हें अलसाने के लिए मचान, तैरने के लिए तालाब और मिट्टी के टीले बन गए हैं। इस बाड़े में जंगल जैसे माहौल दिया गया है। इसमें दो मचान, दो फाउंटेन भी हैं। कमला नेहरू प्राणी संग्रहालय येलो, व्हाइट और ब्लैक तीनों रंग के बाघ है।