इटारसी नवदुनिया प्रतिनिधि।
केंद्रीय परीक्षण संस्थान सीपीई ने शनिवार को भारत की आजादी के अमृत महोत्सव के तहत रक्षा उत्पादों की प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। सर्द हवाओं के बीच सुबह 9 बजे सीपीई के साहनी स्टेडियम पर कलेक्टर नीरज कुमार सिंह, पुलिस अधीक्षक डॉ. गुरूकरण सिंह, एसडीएम मदन सिंह रघुवंशी के मुख्यातिथ्य में परीक्षण संस्थान ने बोफोर्स, आधुनिक परिष्कृत शस्त्र यंत्र 81 एमएम मोर्टार, 160 एमएम मोर्टार, 105 एमएम एलएफजी, 130 एमएम गन, सारंग गन समेत, सैन्य दूरबीन एवं कैमरों की प्रदर्शनी लगाई। कार्यक्रम के प्रारंभ में स्थापना के 50 सालों का गौरवशाली इतिहास, हथियारों के परीक्षण की तकनीक की जानकारी दी गई। प्रारंभ में अतिथियों का स्वागत किया गया। कलेक्टर सिंह ने तिरंगे गुब्बारे आसमान में छोड़कर आजादी के अमृत महोत्सव का जश्न मनाया।
बोफोर्स के धमाके हुएः समारोह में भारतीय सेना की ताकत बोफोर्स तोप का जीवंत प्रदर्शन करते हुए धमाके किए गए।
इस तोप की खास बात यह है कि यह चारों दिशाओं में पलक झपकते ही घूम जाती है। कारगिल युद्ध में दुश्मन देश के छक्के छुड़ाने वाली इस तोप ने जब गोले दागे तो पूरे इलाके में इसकी धमक सुनाई दी। राजन ने बताया कि जीसी स्लैब के जरिए छोटे धमाके किए गए हैं। जब प्रूफ रेंज में इसका परीक्षण होता है तो आसपास का 20 किमी. इलाका थर्रा उठता है।
नाच उठी बोफोर्सः समारोह मे पांच स्कूलों के 1200 बच्चों को भी इस प्रदर्शनी में आमंत्रित किया था। जैसे ही बोफोर्स तोप पर तैनात आर्मी जवानों ने इसे मैदान पर लाकर चारों दिशाओं में नाचने की मुद्रा में जब तोप घुमाई तो बच्चे रोमांचित हो गए। अचानक फायरिंग अलर्ट हुआ और पलक झपकते ही तोप से निकला गोला कब लंबी दूरी पर जाकर फट गया, पता ही नहीं चला, उठते धुएं से पता चला कि यहां गोला फटा है।
राजन ने बताया कि साल 1972 में जब सीपीई की स्थापना हुई थी, तब हमारे पास महज 12 किमी का प्रूफ रेंज था। अब करीब 30 किमी तक परीक्षण किया जा सकता है। अधिकतम दूरी की मारक क्षमता वाले हथियारों टैंक, तोप और गन का परीक्षण हम कर रहे हैं। यहां 133 मिमी की सारंग गन का परीक्षण किया है। केएन व्रज जो 38 किमी तक फायरिंग करती है, उसका सफल परीक्षण भी यहीं हुआ है। हमारा फायरिंग रेंज 19 किमी. लंबा और 5.5 किमी चौड़ा है।
ड्रोन और दूरबीन से निगरानीः
राजन ने बताया कि फायरिंग रेंज में फटने वाले गोलों की निगरानी के लिए दूरबीन और ड्रोन की मदद ली जाती है। टी-90 अर्जुन टैंक भी हमारे पास हैं। सीपीई ने डीआरडीओ द्वारा विकसित भारतीय पिनाका राकेट का परीक्षण भी किया है। यह बहुत बड़ी गाड़ी में लोड होता है। अधिकतम मारक क्षमता के कारण इसकी फायरिंग पोखरण रेंज में होती है, इसके लिए भी हमारी टीम पोखरण जाती है।
गन के पाइप से मारे सात जवानः
प्रदर्शनी में रखी 3.7 इंच तोप को लेकर राजन ने कहा कि इस तोप से मेरा भावनात्मक लगाव है। युद्ध के दौरान जब उनकी टुकड़ी जापान वर्मा के कलादान वैली में जापान से युद्ध लड़ रही थी, तब उनकी टुकड़ी का नेतृत्व केप्टन उमराव सिंह कर रहे थे। चार काउंटर अटैक के बाद जब टुकड़ी का गोला-बारूद और निजी सुरक्षा के हथियार खाली हो गए, तब जापानी सैनिकों ने टुकड़ी को घेर लिया, इसके बाद उमराव सिंह ने टैंक का पाइप हवा में घुमाकर सात जवानों को ढेर कर दिया, उनके सीने पर गोली भी लगी, वे बेहोश पाए गए, लेकिन रेंजीमेंट का एक भी हथियार जापानी सेना जब्त नहीं कर सकी।
कलेक्टर को बताई सामरिक ताकतः
कलेक्टर सिंह ने राजन से कहा कि भारतीय सेना से उनका निजी लगाव है। राजन ने एसपी और कलेक्टर दोनों को सारे हथियारों के बारे में जानकारी देकर कहा कि यह हथियार भारतीय सेना की असली ताकत है, इनके गोला-बारूद का परीक्षण सीपीई करती है।