Itarsi News: ट्रेन की चपेट में आया जंगली सुअरों का झुंड, दस की मौत
इटारसी-नागपुर रेल खंड पर कीरतपुर स्टेशन के पास हुआ हादसा। सतपुड़ा टाइगर रिजर्व एवं सामान्य वन मंडल की सीमा से होकर गुजरता है रेलवे ट्रैक।
By Ravindra Soni
Edited By: Ravindra Soni
Publish Date: Fri, 22 Mar 2024 12:05:23 PM (IST)
Updated Date: Fri, 22 Mar 2024 12:05:23 PM (IST)

इटारसी, नवदुनिया प्रतिनिधि। गुरुवार-शुक्रवार की दरम्यानी रात इटारसी-नागपुर रेल खंड पर कीरतपुर स्टेशन के पास वन विभाग की बीट क्रमांक 131 में 10 जंगली सुअरों की ट्रेन की चपेट में आने से मौत हो गई। शुक्रवार सुबह गश्त पर निकले वनकर्मियों को रेलवे ट्रैक पर सुअरों के शव रेलवे ट्रैक पर मिले, इसके बाद वन विभाग में हड़कंप मच गया। जानकारी मिलने के बाद अधिकारियों ने मृत सुअरों के शवों का पीएम करने एवं अंतिम संस्कार करने का प्रबंध किया है। दोपहर तक टीम के आने के बाद सुअरों का अंतिम संस्कार किया जाएगा।
वन परिक्षेत्र अधिकारी श्रेयांश जैन ने बताया कि सुबह 8:30 बजे गस्ती दल के माध्यम से सूचना मिली थी कि नागपुर रेलवे ट्रैक पर कीरतपुर स्टेशन के पास बड़ी संख्या में जंगली सुअर ट्रेन की चपेट में आने से मारे गए हैं। गिनती करने पर 10 सुअरों की मौत होने की जानकारी सामने आई है। वन विभाग सभी का पोस्टमार्टम करने के बाद प्रोटोकाल के अनुसार इनका अंतिम संस्कार कराएगा।
उल्लेखनीय है कि सतपुड़ा टाइगर रिजर्व एवं सामान्य वन मंडल की सीमा से होकर गुजरे इटारसी-नागपुर रेलवे ट्रैक पर पहले भी वन्यजीवों की मौत हो चुकी है। पानी की तलाश में या रात में विचरण के दौरान वन्य जीव रेलवे ट्रैक क्रास करते हैं। कई बार तेज रफ्तार में आ रही ट्रेन को ना देख पाने की वजह से वन्यजीवों की मौत हो जाती है। इससे पहले इस क्षेत्र में मादा रीछ अपने बच्चों के साथ ट्रेन की चपेट में आई थी। कई तेंदुए भी इस तरह के हादसे में जान गंवा चुके हैं।
रेलवे ने वन्य प्राणियों की सुरक्षा को लेकर रेलवे ट्रैक किनारे फेंसिंग करने की योजना बनाई थी, लेकिन इस दिशा में अभी तक कोई काम नहीं हुआ है। वन विभाग पूर्व में भी कई बार रेलवे अधिकारियों को इस बारे में जानकारी दे चुका है। जैन ने बताया कि जिस इलाके से रेलवे लाइन गुजरी है, उसके दोनों तरफ घना जंगल है। रात में कई बार वन्य जीव झुंड में शिकार के लिए या घूमने निकलते हैं, इस बीच कई बार तेज रफ्तार ट्रेन आने पर उनकी हादसे में मौत हो जाती है। इस घटना के बाद रेलवे अधिकारियों से चर्चा की जाएगी भविष्य में वन्य जीवों के लिए कोई कॉरिडोर बनाने या रेलवे फेंसिंग करने का प्रबंध कराया जाएगा।