Itarsi News: कीरतगढ़-केसला स्टेशन के बीच ट्रेन की चपेट में आए तेंदुए की मौत, सिर और धड़ अलग हुए
Itarsi News: प्राकृतिक जलाशय-पोखर तक जाने के लिए रेल लाइन से गुजरते हैं, ऐसे में अचानक ट्रेन की चपेट में आ जाते है।
By Nai Dunia News Network
Edited By: Nai Dunia News Network
Publish Date: Sun, 28 May 2023 07:41:12 PM (IST)
Updated Date: Sun, 28 May 2023 08:50:04 PM (IST)

Itarsi News: इटारसी नवदुनिया प्रतिनिधि। इटारसी-नागपुर रेल खंड पर शनिवार-रविवार की दरम्यानी रात एक तेंदुए की ट्रेन की चपेट में आने से मौत हो गई। रेलकर्मियों ने गश्त के दौरान तेंदुए को मृत हालत में देखकर वन विभाग को खबर दी, जिसके बाद सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के अधिकारी एवं टीम मौके पर पहुंचे।
वन विभाग ने पंचनामा बनाकर मृत तेंदुए का पोस्टमार्टम कराने के बाद अंतिम संस्कार कराया। यह पहला मामला नहीं है, सतपुड़ा टाइगर रिजर्व की सीमा से निकली रेलवे लाइन की चपेट में आने से पहले भी एक मादा रीछ अपने दो बच्चों के साथ कट चुकी है, कई तेंदुओं की पहले भी मौत हो चुकी है। सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के उपंसचालक संदीप फैलोज के अनुसार घटना कीरतगढ़-केसला स्टेशन के बीच किमी. क्रं. 757-04-06 के बीच हुई है। यहां रेलवे ट्रेक पर एक तेंदुआ मृत हालत में मिला, उसकी गर्दन पहियों की चपेट में आने से कट गई है, शरीर का बाकी हिस्सा ट्रेक पर मिला है। पानी की तलाश में भटकते हैं जीव: अधिकारियों के अनुसार भीषण गर्मी में कई बार पानी की तलाश में वन्य जीव रेलवे ट्रेक क्रास कर प्राकृतिक जलाशय-पोखर तक जाने के लिए रेल लाइन से गुजरते हैं, ऐसे में अचानक ट्रेन आने से वे ट्रेन की चपेट में आ जाते हैं।
ए सटीआर और सामान्य वन मंडल से घिरे जंगल के बीच से नागपुर रेलवे लाइन गुजरी है, जबकि रेल लाइन के दोनों तरफ जलाशय हैं। आशंका है कि शनिवार देर रात तेंदुआ ट्रेन की चपेट में आया है, तेज रफ्तार ट्रेन के चालकों को भी रेल लाइन पर वन्य जीव नजर नहीं आते, वहीं हार्न एवं तेज आवाज सुनकर कई बार वन्य जीव संभल नहीं पाते। विभिन्न बिंदुओं पर जांच: अधिकारियों के अनुसार मौके पर वन विभाग का श्वान दल भी पहुंचा, यह घटना सामान्य वन मंडल क्षेत्र की है। तेंदुए के शिकार या उसे जहर देने की आशंका को लेकर तेंदुए का पोस्टमार्टम भी कराया गया है, हालांकि घटनास्थल बता रहा है कि तेंदुआ ट्रेन की चपेट में आया है। नहीं हो सकी फेसिंग: वन्य जीवों को रेल हादसों से बचाने के लिए कुछ साल पहले वन विभाग एवं रेलवे ने संयुक्त प्रयास से वन्य क्षेत्र में तार फेसिंग या अंदरूनी रास्ता बनाने की योजना बनाई थी, लेकिन दोनों विभागों ने इस दिशा में गंभीरता से प्रयास नहीं किए, इस वजह से आए दिन वन्य जीव ट्रेनों की चपेट में आ रहे हैं। गर्मियों में जंगल के आसपास पानी की कमी हो रही है।