Itarsi News: नवदुनिया प्रतिनिधि, इटारसी। यात्रियों को आधुनिक एवं बेहतर सुविधाओं का दावा करने वाली रेलवे अपने ही महकमे के रेल कर्मियों को बेहतर आवासीय कालोनी देने में नाकाम साबित हो रही है। इटारसी जंक्शन पर रेलवे की अलग-अलग डिपो में कार्यरत रेल कर्मियों के आवासों की हालत खराब है। कालोनियों में मूलभूत सुविधाओं का अभाव है। रेल संगठन लंबे समय से इन समस्याओं के निराकरण की मांग कर रहे हैं, लेकिन रेलवे अधिकारी इसकी अनदेखी कर रहे हैं।
मंगलवार को भी एडीईएन कार्यालय में रेलवे कालोनी केयर कमेटी की बैठक का आयोजन किया गया, हर बार की तरह इस बार भी समिति में शामिल दोनों यूनियनों के सदस्यों ने आईओडब्लयू एवं अन्य अधिकारियों के सामने समस्याओं का अंबार रख दिया, अधिकारियों ने आश्वासन दिया है कि इनका जल्द निराकरण किया जाएगा, लेकिन रेल कर्मियों का कहना है कि लाखों रुपये का बजट खराब करने के बावजूद हमारी समस्याओं का स्थाई निराकरण नहीं हो रहा हैं।
वेसेेरेमस के सचिव अर्जुन उटवार ने बताया कि बैठक में रेलवे कालोनी 12 बंगला की समस्याओं पर संघ ने कार्रवाई की मांग रखी है, इनमें रेल आवास क्रं. एमबी 105-ए से लेकर एमबी - 110 तक का सेफ्टी टैंक भरने के बाद चोक हो गया है। तीन बंगला से लेकर बेस किचन तक की रोड बेहद खराब होने से आए दिन हादसे हो रहे हैं। मुख्य मार्ग तीन बंगला एवं 12 बंगला की रोड लाईट कम वाट की लगी होने से यहां रात में हादसे हो रहे हैं, संघ ने यहां तेज रोशनी करने वाली लाइट लगाने की मांग रखी है।
जुझारपुर पुलिया में बारिश का पानी भरा रहता है, इसके लिए यहां नाली निर्माण, बेस किचन से जुझारपुर पुलिया आरपीएफ गुमठी के नीचे तक की रोड का निर्माण, बेस किचन से जुझारपुर पुलिया तक रोड किनारे की झाड़ियों की कटाई एवं सफाई करने, कालोनी में पानी की टंकी का स्टैंड होने के बाद टंकी रखने, इंजीनियरिंग ब्रांच की फर्श टूटी है, इस वजह से यहां पानी जमा हो जाता है, यहां फर्श ऊंची कराने, मुख्य शाखा की छत कमजोर होने से पूरी छत वर्षा में टपकती है, इसका रखरखाव कराने, शौचालय की पाइप लाइन चैम्बर से जोड़ने, रेल आवास एफ-100 बी तीन बंगला के आवासों के फर्श खराब होने, दरवाजे एवं खिड़की टूटने की शिकायतों के बावजूद कार्रवाई न होने की बात रखी गई।
दरअसल कई दशक पहले जंक्शन स्थापना के बाद यहां काम करने आए रेलकर्मियों के लिए अलग-अलग श्रेणी की रेल आवासीय कालोनी का निर्माण किया गया था, समय के साथ अब रेल आवास उम्रदराज हो चुके हैं। 18 बंगला, 3 बंगला, 12 बंगला, पोटरखोली एवं यार्ड में कई आवासों को रेलवे खंडहर बताकर तुड़वा चुकी है, जो आवास बचे हैं, उनकी नींव कमजोर हो चुकी है, निचले कर्मचारियों को सड़क-नाली, सीपेज, पेयजल संकट जैसी कमियों के बीच इन आवासों में रहना पड़ रहा है।
सैकड़ों रेलकर्मियों के आवास प्रकरणों की सूची लंबित है। जंक्शन पर अन्य स्टेशनों की तर्ज पर नई मल्टीस्टोरी आवासीय कालोनी निर्माण का प्रस्ताव भी रखा गया था, लेकिन मंत्रालय ने इसे मंजूरी नहीं दी, जबकि कालोनियों में नए आवास निर्माण के लिए काफी जगह रिक्त पड़ी है।
कई रेल आवासों में बाहरी लोगों एवं कुछ पुलिसकर्मियों ने कब्जा कर रखा है, इनमें अनाधिकृत रूप से कब्जा कर लोग रह रहे हैं, इस बारे में कई बार कार्रवाई शुरू की गई, लेकिन आवास खाली नहीं हो सके। रेलवे की मुफ्त बिजली और पानी लेकर लोग यहां डेरा डाले हुए हैं। पिछले सप्ताह आरपीएफ एवं अधिकारियों की टीम ने कई अनाधिकृत कब्जों वाले आवासों की बिजली काटी थी।
वेस्ट सेन्ट्रल रेलवे एंपलाइज यूनियन कार्यकारी अध्यक्ष आरके यादव ने बताया कि संगठन लंबे समय से रेल कालोनियों की समस्याओं पर अधिकारियों को शिकायत कर चुका है, लेकिन इस ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। हर साल लाखों रुपये अधिकारी इनके रखरखाव पर खर्च कर देते हैं, इसमें भी गड़बड़ी होती है।