इटारसी नवदुनिया प्रतिनिधि।
त्योहार एवं ग्रीष्मकाल की वजह से ट्रेनों में यात्रियों का दबाव बढ़ गया है। उत्तर भारत को जाने वाली एवं मुबंई से आने वाली ट्रेनों में भारी भीड़ आ रही है। इस भीड़ के बीच ही शातिर चोर गिरोह भी सक्रिय होने की आशंका है। इसे लेकर आरपीएफ एवं जीआरपी ने सतर्कता बढ़ा दी है। आरपीएफ जहां रात में यहां से जाने वाली दर्जन भर ट्रेनों में सशस्त्र गश्ती दल भेज रहा है, वहीं जीआरपी की पेट्रोलिंग टीम भी काम कर रही है। कोरोना संक्रमण से हालात सामान्य होने के बाद अब ट्रेनों में यात्री बढ़ रहे हैं। मुबंई से उत्तर भारत जाने वाली ट्रेनों में रिजर्वेशन नहीं मिल रहे हैं।
नई-नई गैंग की भूमिकाःदेश का बड़ा रेल जंक्शन होने की वजह से यहां देश के चारों महानगरों को ट्रेनें जाती हैं। इस वजह से अलग-अलग राज्यों की कई शातिर गैंग ट्रेनों में सक्रिय रहती है। पुराने मामलों में उप्र-बिहार समेत अन्य राज्यों के कई संगठित गिरोह यहां धरा चुके हैं, इनसे लाखों की बरामदगी हो चुकी है, इसके बावजूद नई गैंग तैयार होकर हाथ साफ कर जाती हैं। इसे लेकर रेलवे की सुरक्षा एजेंसियों का तनाव बढ़ता है। पूर्व में यहां हरियाणा की सांसी, सामली समेत कई अंतर्राज्जीय गिरोह से लाखों की बरामदगी हो चुकी है। दूसरे राज्यों से यात्री बनकर चढ़ने वाले चोर मप्र में अपराध कर रफूचक्कर हो जाते हैं।
कोरोना बेअसर, अब टूटे यात्रीः दो साल कोरोना लाकडाउन के चलते ट्रेनें खाली रहीं, वहीं अपराधी तत्व भी ठंडे पड़े रहे, लेकिन हालात सामान्य होने के बाद इस सीजन में यात्री बढ़ गए हैं, ऐसे में ट्रेनों में सक्रिय पुराने बदमाश फिर अपराधों को अंजाम दे सकते हैं, इसी के मद्देनजर सख्ती बढ़ाई गई है। ग्रीष्मकालीन अवकाश एवं होली के कारण सारी ट्रेनें फुल आ रही हैं, अप्रेल-मई माह में रेल यात्रियों की संख्या में बढ़ोतरी होगी।
आरपीएफ इन ट्रेनों में भेज रहा दलः
रात में यहां से जाने वाली कामायनी, ओवरनाइट, पुष्पक, जीटी, मंगला, जनता, पंजाबमेल समेत अन्य ट्रेनों में स्कवाड जाती है। खंडवा, बीना, भोपाल एवं जबलपुर तक गश्त के बाद दूसरी ट्रेनों से यही टीम दूसरी ट्रेन में गश्त करती है, एक टीम में 4 सशस्त्र जवान रहते हैं। इसके अलावा आरपीएसएफ की स्कवाड अलग से चलती है। आरपीएफ पोस्ट इंचार्ज देवेन्द्र कुमार अपनी अलग टीम की गश्त लगाते हैं।
रजिस्टर पर देंगे आमदः
बढ़ते अपराधों की रोकथाम के लिए जीआरपी ने एक नया प्रयोग किया है, इसके तहत यदि भोपाल से खंडवा तक पेट्रोलिंग टीम जा रही है, तो वह टीम खंडवा से पहले इटारसी जीआरपी में अपनी रिपोर्ट देगा, इससे यह तय हो सकेगा कि ट्रेन में गश्ती दल तैनात था, अभी तक टीम सीधे रिपोर्टिंग थाने में ही सूचना देता था। बल की प्रदेशस्तरीय कमी के चलते यहां से महज 11 ट्रेनों में ही जीआरपी की ट्रेन गार्ड रात में चलती है। कई दशक पहले मंजूर बल तो घट रहा है, लेकिन ट्रेनों की संख्या में इजाफा हो रहा है। यात्री भी पहले से बढ़ गए हैं। रोजाना करीब 120 ट्रेनों के स्टापेज वाले जंक्शन पर अधिकांश ट्रेनों में जीआरपी की पेट्रोलिंग नहीं है।
फैक्ट फाइलः
रोजाना रुकने वाली ट्रेनें: 120
जीआरपी पेट्रोलिंगः 11 ट्रेनें।
आरपीएफ पेट्रोलिंगः 15 ट्रेनें।
वर्जन
यहां से हम 11 ट्रेनों में गश्ती दल भेजते हैं। चोरियों की आशंका को लेकर यात्रियों को सतर्क रहने को कहा जा रहा है, दूसरे थानों से आने वाली टीम की यहां आमद ली जाएगी। खैरियत रिपोर्ट दर्ज कराएंगे, जिससे निगरानी बढ़ेगी। यह बात सही है कि जरूरत के हिसाब से बल की कमी तो है।
विभेंदु व्यंकट टांडिया, थाना प्रभारी जीआरपी।