इटारसी नवदुनिया प्रतिनिधि।
देश के बड़े रेल जंक्शन पर विभिन्ना विभागों में कार्यरत कर्मचारियों और उनके परिवारों को रहने के लिए अच्छे रेल आवास तक नहीं मिल रहे हैं। आवासों की हालत इतनी जर्जर हो गई है कि इन्हें देखकर लगता है ये आवास नहीं अब खंडहर बचे हैं। आवासों के दरवाजे-खिड़की इतने खराब हैं कि अब चोर रेल आवासों को बड़ी आसानी से निशाना बना रहे हैं।
शनिवार रात 11 बजे न्यूयार्ड निवासी अशोक बिल्लौरे के आवास में चोरों ने सेंधमारी का प्रयास किया। आरबी-सेंकड 253 बी में रहने वाले बिल्लोरे एक समारोह में गए थे, वापस लौटे तो संदिग्ध युवक घर में चोरी कर रहे थे। आहट पड़ते ही चोर यहां से भाग गए। सूचना पर डायल 100 की टीम मौके पर पहुंची। इस घटना पर रेलकर्मियों ने खासी नाराजगी दिखाई। वेस्ट सेन्ट्रल रेलवे मजदूर संघ नेता हेमराज सिसोदिया ने बताया कि आवासों के दरवाजे इतने खराब हैं कि इन्हें आसानी से तोड़कर अंदर जा सकते हैं, इससे पहले भी रेल आवासों में चोरियां हो चुकी हैं। कई बार रेल संगठन आइओडब्ल्यू को रेल आवासों के बारे में ज्ञापन दे चुके हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं होती।
मल्टीस्टोरी आवास अधर में:
दरअसल इटारसी स्टेशन पर कैरिज एंड वेगन, परिचालन, आइओडब्ल्यू, सिग्नल एंड टेलीकाम समेत रेलवे की कई शाखाएं हैं, जिनमें पदस्थ हजारों रेलकर्मी सरकारी आवासों में रहते हैं, इसी तरह डीजल शेड, विद्युत लोको शेड, यार्ड एवं अन्य डिपो में रेलकर्मी कार्यरत हैं। दूसरे शहरों से यहां काम करने आए रेलकर्मी सरकारी आवास में रहना चाहते हैं, जिससे कम किराए पर वे अपने कार्यस्थल तक पहुंच सकें। कई दशक पहले न्यूयार्ड, बारह बंगला, 18 बंगला, तीन बंगला, पोटरखोली में बने आवास जर्जर हो गए हैं। खंडहर हो चुके कई आवासों को रेलवे ने तुड़वा दिया है। कई खंडहर आवासों में अब अनैतिक गतिविधियां चलती हैं या फिर अनाधिकृत लोगों ने इनमें कब्जा कर लिया है।
यह है समस्याः
रेलवे आवासों की दीवारें और छत टूट रही हैं। सीवर लाइन, पाइप लाइन, शौचालय, खिड़की दरवाजे, कालोनी में बने पार्क सब दम तोड़ चुके हैं। शौचालय में दरवाजे नहीं हैं तो बाथरूम में टोटिंया गायब हैं। मकानों में बारिश के दौरान इतनी ज्यादा सीलन और लीकेज आता है कि रेलकर्मियों को कमरे खाली करना पड़ता है। वेसेरेमस ने करीब 200 मकानों का सर्वे कर इनकी समस्याओं की सूची बनाकर आइओडब्ल्यू को सौंपी थी, लेकिन विभाग ने कागजी मरम्मत करा दी। कॉलोनियों में आरबी-1 से लेकर आरबी-5 श्रेणी के आवास हैं। 1800 ग्रेड कर्मचारियों को आरबी-1, 1900-2800 पे पर आरबी-2, 4200-4600 ग्रेड पे पर आरबी थर्ड, डिपो प्रभारी, सुपरवाइजर एवं रनिंग स्टॉफ को 30 फीसद मार्जिन देकर आरबी-4 श्रेणी के आवास आवंटित होते हैं।
वर्जन
लंबे समय से जर्जर रेलवे आवासों के मामले में हम विरोध कर रहे हैं। कई बार ज्ञापन दिए गए हैं, लेकिन अफसर ध्यान नहीं देते। जल्द ही इस मामले में मंडल स्तर पर बातचीत की जाएगी। सैकड़ों रेलकर्मियों को आवास नहीं मिल रहे हैं।
आरके यादव, मंडल सचिव वेसेरेमस।
वर्जन
कई बार वरिष्ठ अधिकारियों को इस मामले की शिकायत की गई है, लेकिन हर बार मामूली मरम्मत करा दी जाती है। खिड़की-दरवाजे इतने कमजोर हैं कि इन्हें आसानी से तोड़कर अंदर जा सकते हैं। एक बार फिर इस मामले की शिकायत वरिष्ठ अधिकारियों को करेंगे।
हेमराज सिसौदिया, रेलकर्मी।