
नईदुनिया प्रतिनिधि, जबलपुर। रांझी में विशेष सशस्त्र बल (एसएएफ) की छठवीं बटालियन में दो करोड़ रुपये के घोटाले का मुख्य सूत्रधार बाबू सत्यम शर्मा है। वह जवानों को 50 प्रतिशत कमीशन पर शासकीय कोष से यात्रा भत्ता की राशि उनके खाते में स्थानांतरित करता था, कुछ जवानों के बैंक खाते में वेतन से कई गुना अधिक राशि मिलने पर स्टेट फाइनेंस इंटेलीजेंस सेल (एसएफआइसी) ने इस पूरे खेल को पकड़ा लिया। छानबीन में पता चला कि आरोपित बाबू पकड़ा न जाए इसलिए कमीशन की राशि नकद लेता था। फर्जीवाड़े की पुष्टि होने पर 12 जवानों के बैंक खाते सीज कर दिए गए हैं। कुछ अन्य भी संदिग्ध मिले हैं। जांच का दायरा बढ़ने से वह भी लपेटे में आ सकते हैं।
एसएएफ जवान- खाते में राशि अभिषेक झारिया- 6019830 रुपये नीतेश पटेल- 3062816 रुपये नीतेश धुर्वे- 2870539 रुपये देवेंद्र कुमार- 2792846 रुपये राहुल साहू- 3319699 रुपये आस्तिक शुक्ला- 2488036 रुपये देवेंद्र सिंह- 2036778 रुपये राकेश जोशी- 1724343 रुपये गुलशन सिंह- 1498496 रुपये जितेंद्र झारिया- 1392933 रुपये सुनील विश्वकर्मा- 1270937 रुपये विशाल कुमार- 1165876 रुपये
मामले में चौकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। आरक्षक अभिषेक झारिया को वर्ष 2018-19 से अभी तक 582 भत्ता देयकों के माध्यम से लगभग 55 लाख रुपये का लाभ दिया गया है। इस अवधि में उसके वेतन और एरियर को मिलाकर लगभग 26 लाख रुपये की राशि बनती है। वहीं आरक्षक नीतेश कुमार पटेल के बैंक खाते में 335 भत्ता देयकों के माध्यम से 30.51 लाख रुपये की राशि का भुगतान हुआ है। जबकि संबंधित अवधि में उसे वेतन व एरियर मिलाकर लगभग 24.67 लाख रुपये मिलने चाहिए। वहीं, आरोपित बाबू सत्यम के बैंक खाते में मात्र दो लाख 60 हजार रुपये हैं।
घोटाला पकड़े जाने पर आरोपित बाबू सत्यम और आरक्षक अभिषेक झारिया को निलंबित कर दिया गया था। अभिषेक ने शोभापुर के पास ट्रेन के सामने लेटकर आत्महत्या कर ली थी। जबकि, सत्यम शर्मा फरार हो गया। कुछ दिन पूर्व छिंदवाड़ा में उसके विवाह की जानकारी सामने आई है। विवाह पत्रिका में सत्यम का विवरण और 22 नवंबर को विवाह का उल्लेख है, जिसकी जांच की जा रही है।
यात्रा भत्ता देयकों में व्यापक स्तर पर हुए फर्जीवाड़े की जांच के बीच अन्य मद में भी धांधली की आशंका को बल मिला है। एसएएफ कमांडेंट ने तीन सदस्यीय जांच दल गठित किया है। कलेक्टर ने भी जिला पंचायत सीईओ की अध्यक्षता में छह सदस्यीय दल बनाया है, जिसने घोटाले की पड़ताल शुरू कर दी है।