Jabalpur News : नईदुनिया प्रतिनिधि, जबलपुर। जबलपुर रेल मंडल की ट्रेनों का संचालन पहले से ही पटरी से उतरा हुआ है और अब ट्रेनों की सफाई पर सवाल खड़े हो गए हैं। जबलपुर से रवाना होने वाली ट्रेनों के कोच, बेडरोल आैर बाथरूम को लेकर यात्री लगातार शिकायत कर रहे हैं, लेकिन उनकी शिकायतों का समाधान नहीं हो रहा। हालात इतने बुरे हो गए हैं कि गंदगी की वजह से कोच में काकरोच और खटमल निकल रहे हैं और यात्री इनके बीच सफर करने को मजबूर हैं।
कुछ दिन पहले चित्रकूट एक्सप्रेस में काकरोच निकले के मामले में यात्री की सुनवाई नहीं हुई तो वहीं मंगलवार रात गोंडवाना एक्सप्रेस के एसी कोच में ग्वालियर से जबलपुर की यात्रा कर रहे यात्रियों का खटमलों ने सोने नहीं दिया। यात्रियों ने इसकी शिकायत भी की, लेकिन शिकायत अटैंड तक नहीं की। जबलपुर रेल मंडल के मैकेनिकल विभाग द्वारा कोचों की सफाई से लेकर काकरोच, खटमल रोकने के लिए दवा का छिड़काव का ठेका दिया गया है। इस पर हर माह लाखों रुपये खर्च हो रहे हैं, लेकिन इन दवाओं को असर न तो काकरोच पर हो रहा है न ही खटमलों पर।
गोंडवाना एक्सप्रेस के एसी कोच बी 6 की सीट नंबर 20 पर सफर कर रहे जबलपुर इंजीनियरिंग कालेज एसो.प्रोफेसर सुनील कुमार सिंह ग्वालियर से जबलपुर की यात्रा कर रहे थे। इस दौरान रात लगभग 12 बजे जैसे ही वे सीट पर सोने गए, कुछ देर बाद उनके शरीर में खुजली शुरू हो गई। पहले तो इन्होंने इसे सामान्य तौर पर लिया, लेकिन जब ज्यादा खुजली होने लगी तो वे उन्होंने कोच की लाइट जलाकर देखा तो कई खटमल उनके हाथ और शरीर पर बैठे थे। इस दौरान उनके शरीर में लाल रंग के धब्बे हो गए। इस बीच कुछ अन्य यात्री भी कोच में खटमल से परेशान थे। उन्होंने इस पर कोच अटेंडर से अपत्ति की तो उनसे कहा कि वह कुछ नहीं कर सकता है। वे इसके लिए 139 या रेल मदद पर शिकायत करें। इस पर प्रो. सुनील ने 139 पर शिकायत करने का प्रयास किया, लेकिन नहीं हो सकी। इसके बाद उन्होंने रेल मदद एप के जरिए शिकायत की, लेकिन सुबह जबलपुर आने तक शिकायत का समाधान नहीं हुआ।
लगातार यात्री कोच में गंदगी, काकरोच और खटमल को लेकर शिकायत कर रहे हैं। कई यात्री तो इन दिनों जबलपुर की ट्रेनों में गंदगी, खराब बेडरोल आैर खटमल-काकरोच-चूहों से इतने परेशान हैं कि वे सीधे रेलमंत्री से लेकर रेलवे बोर्ड के चेयरमेन और पीएमओ के एक्स हैंडल पर शिकायत दर्ज कर रहे हैं, लेकिन जबलपुर रेल मंडल के कानों में इसकी जू तक नहीं रैंग रही। इस संबंध में जब जबलपुर रेल मंडल के डीआरएम विवेक शील से बात करने का प्रयास किया तो उन्होंने मोबाइल पर शिकायत सुनते ही काल काट दिया। इसके बाद उन्होंने अपना मोबाइल बंद कर दिया। इधर मैकेनिकल विभाग से लेकर सीएनडब्ल्यू के अधिकारी, इन जिम्मेदारी को देखने वाले ठेकेदार का बचाने में जुट गए हैं।