
नईदुनिया प्रतिनिधि, जबलपुर। हाई कोर्ट में एक याचिका के जरिये भोपाल रेल मंडल में लोको इंस्पेक्टर के पद की चयन प्रक्रिया में अनियमितता का आरोप लगाते हुए चुनौती दी गई थी। मामले में डीआरएम भोपाल की ओर से जवाब पेश कर बताया गया कि उक्त चयन प्रक्रिया निरस्त कर दी गई है।
कोर्ट ने जवाब को रिकार्ड पर लेते हुए याचिका को सारहीन बताते हुए निराकरण कर दिया। भोपाल में पदस्थ राजीव मालवीय की ओर से अधिवक्ता अजय रायजादा व अंजना श्रीवास्तव ने पक्ष रखा।
उन्होंने दलील दी कि रेलवे ने 28 नवंबर, 2024 को लोको रनिंग सुपरवाइजरों के लिए चीफ लोको इंस्पेक्टर के पद पर चयन हेतु अधिसूचना जारी की थी। जनवरी, 2025 में इसके लिए पात्र कर्मचारियों की सूची जारी की गई।
याचिकाकर्ता का नाम ग्रेडेशन सूची में शामिल था। मार्च 2025 को रेल मंत्रालय एवं रेलवे बोर्ड ने पत्र जारी कर कहा था कि चयन प्रक्रिया में अनियमितताएं हुई हैं, सभी चयन प्रक्रिया निरस्त की जाती हैं।
बाद में पश्चिम मध्य रेलवे ने उक्त पत्र की व्याख्या करते हुए जबलपुर, भोपाल और कोटा मंडल के प्रबंधकों को पत्र लिखा, जिसमें कहा कि प्रक्रिया को जारी रखा जा सकता है।
दलील दी गई कि नई प्रक्रिया जारी करने के लिए अधिसूचना जारी होने से एक साल या छह माह का अंतराल होना चाहिए। कोर्ट ने यह कहते हुए याचिका निरस्त कर दी कि याचिकाकर्ता का नाम पात्र एवं अपात्र सूची में नहीं है।