जबलपुर, नईदुनिया प्रतिनिधि । पूरे प्रदेश में सरकारी स्कूलों की शिक्षा व्यवस्था खस्ताहाल है। शिक्षा की बेहतरी के लिए लगातार स्कूल शिक्षा विभाग नित्त नए प्रयोग कर रहा है। अब जबलपुर सहित पूरे प्रदेश में सीएम राइज स्कूल बनाए जाएंगे। जबलपुर जिले में 180 स्कूलों का सीएम राइज के लिए चयनित किया गया है। इसमें खास बात यह है कि जिले में कक्षा एक से लेकर 12वीं तक के करीब 3 हजार स्कूल है इस योजना के बाद जिले में 180 स्कूल शेष बचेंगे। सीएम राइज से जबलपुर के सरकारी स्कूलों की सूरत बदलने वाली है।
3 किलोमीटर में एक सीएमराइज स्कूल खोला जाएगा: स्कूल शिक्षा विभाग की कार्ययोजना के तहत प्रत्येक 3 किलोमीटर में एक सीएमराइज स्कूल खोला जाएगा। इस स्कूल में 3 किमी के दायरे में आने वाले अन्य स्कूलों को इसमें मर्ज कर दिया जाएगा। प्रारंभिक तौर पर सीएमराइज स्कूल का चयन किया गया है इसके बाद भवन बनाने का काम शुरू होगा। सीएम राइज स्कूल सहित समाहित होने वाले सभी स्कूलों का खाता एक होगा, प्राचार्य एक और डाइस कोड भी एक होगा।
सारे प्रयास अब तक विफल साबित हुए: स्कूल शिक्षा विभाग ने शिक्षा व्यवस्था को बनाने के जितने भी प्रयास किए वह सब विफल साबित हुए हैं। शुरूआती दौर में प्रत्येक विकासखंड और जिले में अंग्रेजी माध्यम के स्कूल खोल दिए गए साथ उत्कृष्ट विद्यालय भी प्रत्येक ब्लॉक में खोले गए, लेकिन इस प्रयास से स्कूली शिक्षा व्यवस्था बेहतर बनने की बजाए बिगड़ गई। अंग्रेजी स्कूल खोल दिए गए हैं परंतु शिक्षकों की नियुक्ति करना भूल गया विभाग। यही हाल उत्कृष्ट विद्यालयों का था वहां भी शिक्षकों की भर्ती नहीं की गई। दोनों प्रयास फेल होने के बाद स्कूलों को मर्ज करने की योजना बनाई गई, लेकिन दूसरे राज्य इस काम में आगे हो गए मध्यप्रदेश में आज भी स्कूल मर्ज नहीं हो पाए।
सीएम राइज स्कूल का यह है उद्देश्य: सरकारी स्कूल के बच्चे पढ़ाई के मामले में सीबीएसई और आईसीएसई बोर्ड के बच्चों से मुकाबला कर सकें, इसलिए सरकार प्रत्येक स्कूल पर 20 करोड़ रुपये से अधिक खर्च करेगी। ये स्कूल चार स्तर (संकुल से नीचे, संकुल, ब्लॉक और जिला) पर तैयार होंगे। इन स्कूलों में पढ़ाने के लिए शिक्षकों को परीक्षा देनी होगी और उन्हें नियमित शिक्षकों की तुलना में ज्यादा वेतन दिया जाएगा। शिक्षकों को स्कूल परिसर में ही मकान भी मिलेगा, ताकि उनके अप-डाउन में उलझने से बच्चों की पढ़ाई प्रभावित न हो। इन स्कूलों में बच्चों को ड्रेस कोड भी निजी स्कूलों जैसा ही होगा।
इस स्तर की रहेगी सुविधाएं:
- संकुल से नीचे के स्कूल : कवर्ड कैंपस, स्मार्ट रूम, स्मार्ट क्लास, आईटीसी लैब (कम्प्यूटर लैब), म्यूजिक रूम, आर्ट एंड क्राफ्ट रूम की सुविधाएं रहेंगी।
- संकुल स्तर के स्कूलों में संकुल के नीचे की सभी सुविधाओं के अलावा बैंकिंग काउंटर, कैफेटेरिया, क्रिएटिव थिंकिंग एरिया, जिम और एनसीसी की सुविधा रहेगी।
- ब्लॉक स्तरीय स्कूलों में संकुल स्कूलों की तमाम सुविधाओं के साथ आॅडिटोरियम और शिक्षकों के लिए मकान की सुविधा रहेगी।
- जिला स्तरीय स्कूलों में नीचे के तीनों स्तर की सुविधाओं के साथ स्वीमिंग पूल, डिजिटल स्टूडियो, ट्रेक एंड फील्ड की सुविधा दी जाएगी। स्कूलों का क्षेत्र 15 से 20 किमी इन स्कूलों का कार्यक्षेत्र 15 से 20 किमी होगा।
- इस परिधि के अन्य सभी सरकारी स्कूलों को बंद करके इसी स्कूल में मर्ज कर दिया जाएगा। हालांकि जहां इस परिधि में इकलौता प्राइमरी, मिडिल एवं हाईस्कूल है। वहां नई व्यवस्था पहले चरण (2023) के बाद लागू की जाएगी।
फैक्ट फाइल:
- सीएम राइज के तहत 180 स्कूलों का चयन हुआ है
- जिले में हाई और हायर सेकंडरी स्कूलों की संख्या 200
-प्राथमिक-2300 और माध्यमिक- 554 है।