गरीब रथ के पुराने रैक से मिल सकती है कनेक्टविटी ... नई ट्रेन आरंभ करने की योजना, मिलेगा कंफर्म टिकट
आरंभिक रुप से मुंबई, पुणे और रायपुर तक ट्रेन संचालन पर विचार किया जा रहा है। जबलपुर रेल मंडल स्तर पर संभावित मार्ग पर ट्रेन संचालन के लिए जानकारी जुटाई जा रही है। रेलवे बोर्ड की सहमति मिलने पर गरीब रथ के पुराने रैक से यात्रियों को शीघ्र नई ट्रेन सुविधा उपलब्ध होगी।
Publish Date: Mon, 04 Nov 2024 09:33:00 AM (IST)
Updated Date: Mon, 04 Nov 2024 09:33:00 AM (IST)
राजनीतिक इच्छा शक्ति के बिना दूर नहीं हो सकती बाधा।HighLights
- रेल मंडल ने किया पुणे, मुंबई और रायपुर के लिए विचार।
- यात्री दबाव वाले मार्ग में नई ट्रेन की तैयारी लगभग पूरी।
- मां बमलेश्वरी धाम (डोंगरगढ़) सीधा रेल संपर्क में होगा।
दीपंकर राय, नईदुनिया, जबलपुर (Jabalpur News)। जबलपुर-मुंबई गरीब रथ को थर्ड एसी कोच वाले नए रैक से चलाने के साथ ही इस गाड़ी का पुराना रैक खाली हो गया है। इस पुराने रैक से जबलपुर को नई रेल कनेक्टिविटी देने की तैयारी की जा रही है। सर्वाधिक यात्री दबाव वाले मार्ग पर नई ट्रेन आरंभ करने की योजना बनाई गई है।
यहां के लिए सबसे अधिक मांग...
- पुणे: एक मात्र नियमित ट्रेन (दानापुर-पुणे) है। चार नियमित साप्ताहिक ट्रेन संचालित है। ये सप्ताह में एक दिन चलती है। जबलपुर से लंबे समय से एक स्पेशल ट्रेन पुणे के सप्ताह में एक दिन चल रही है, जो कि फुल रहती है। पढ़ाई एवं रोजगार के लिए बड़ी संख्या में युवा पुणे आते-जाते हैं।
रायपुर : अभी एक ही ट्रेन अमरकंटक एक्सप्रेस है। आसानी से कन्फर्म टिकट नहीं मिलता है। वर्तमान में कटनी होकर रायपुर, दुर्ग, भिलाई की यात्रा दूरी अधिक है। नैनपुर-गोंदिया होकर ट्रेन चलने से सात घंटे में दुर्ग, भिलाई पहुंच जाएंगे। मां बमलेश्वरी धाम (डोंगरगढ़) सीधा रेल संपर्क में होगा। ![naidunia_image]()
- मुंबई : प्रतिदिन जबलपुर होकर कई ट्रेनें मुंबई तक जाती है, लेकिन यहां से आरंभ होने वाली एक मात्र ट्रेन गरीब रथ है। ये सप्ताह में तीन दिन संचालित होती है। सप्ताह में एक दिन चलने वाली रीवा-सीएसएमटी विशेष ट्रेन भी बंद हो गई है। नए-पुराने रैक से गरीब रथ का संचालन सप्ताह में छह दिन संभव है।
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- हावड़ा : दो नियमित व एक साप्ताहिक ट्रेन चलती है। मुंबई-हावड़ा मेल फुल रहती है। शक्तिपुंज एक्सप्रेस का हावड़ा पहुंचने का समय यात्री अनुकूल नहीं है। समय भी अधिक लेती है। हमसफर एक्सप्रेस संतरागाछी तक ही जाती है, इसलिए यात्री पसंद नहीं करते। कटनी-बिलासपुर या गोंदिया-रायपुर होकर सुबह हावड़ा/शालीमार/सियालदाह पहुंचने वाली ट्रेन चाहते है।
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समय की मांग और वही विशेषता
गरीब रथ का पुराना रैक (आइसीएफ) अभी जबलपुर रेल मंडल के यार्ड में खड़ा है। लगभग 20 कोच के रैक पूर्णत: वातानुकूलित है। पुणे और हावड़ा, दोनों मार्ग पर पढ़ाई, रोजगार और व्यापार के लिए यात्रा करने वाले अधिक है। वर्तमान समय में एसी कोच के लिए टिकटों की मांग भी बढ़ी है। इस मांग और यात्री की सुविधा की पूर्ति गरीब रथ के पुराने रैक से संभव है। वर्तमान में यह रैक रखरखाव के साथ ट्रैक पर दौड़ाने के लिए भी तैयार है।
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राजनीतिक इच्छा शक्ति के बिना दूर नहीं होगी बाधा
जबलपुर से नई रेल सुविधा के संचालन में दूसरे रेल जोन की अड़ंगेबाजी बड़ी समस्या है। हाल ही में मध्य रेल ने ट्रैक खाली नहीं होने की बात कहकर रीवा-सीएसएमटी स्पेशल ट्रेन को बंद करा चुका है।
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गोंदिया स्टेशन में इंजन के दिशा-परिवर्तन की समस्या बताकर दक्षिण पूर्व मध्य रेल, जबलपुर से रायपुर की ओर ट्रेन के प्रस्ताव को नकारता रहा है। जबकि इसी बीच दोनों ही जाेन ने दूसरी नई ट्रेनों को ट्रैक और प्लेटफार्म में जगह दी है। एेसे में राजनीतिक इच्छा शक्ति के बिना नई ट्रेन के संचालन की बाधा दूर नहीं होगी।
अमृतसर, हरिद्वार के लिए भी आश
जबलपुर से अमृतसर और हरिद्वार के लिए सीधी ट्रेन की लंबे समय से मांग है। पूर्व में अटारी और हरिद्वार के लिए स्पेशल ट्रेन संचालित भी की गई थी। उत्तर रेल के ट्रैक उपलब्ध नहीं कराने से इस ट्रेन के पहिए थम गए। दोनों ही ट्रेनें धार्मिक और व्यापारिक यात्रा के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण हैं। वहीं, जबलपुर-मां वैष्णोदेवी धाम कटरा के बीच सप्ताह में एक दिन संचालित होने वाली ट्रेन फुल रहती है। इसके भी फेरे बढ़ने पर यात्रियों को लाभ मिलेगा।